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विश्व पृथ्वी दिवस: ग्राम सेसई एवम् चिटोरीखुरद में किशोरी बालिकाओं के साथ की चर्चा

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

/ by Vipin Shukla Mama
 दिन-व-दिन पृथ्वी की स्थिति दयनीय होती जा रही है- कहा  सोनम शर्मा ने
शिवपुरी।पृथ्वी एक ऐसा गृह है जिसे कि मां के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह हम सभी को पालती है, हमारा पोषण करती है लेकिन दिन-ब-दिन पृथ्वी की स्थिति दयनीय होती जा रही है। ओजोन लेयर में छेद हो चुका है ,जलवायु परिवर्तित हो रही है, मनुष्य पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों से भाग रहा है, यही कारण है कि विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन करके विश्वभर के लोगों का ध्यान इस और आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है। इसे दुनियाभर के 195 देशों द्वारा मनाया जाता है। ये कहा सोनम शर्मा ने ग्राम चीतोरी खुर्द में शक्तिशाली महिला संगठन के द्वारा किशोरी बालिकाओं के साथ सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कहीं। संस्था के समन्वयक साहिब सिंह धाकड़ ने सेसाई में महिलाओं के साथ चर्चा में कहा कि 22 अप्रैल 1970 को पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया। आगे चलकर इस दिन को मनाने के निर्णय को कई सारे देशों ने सहर्ष स्वीकारा। नेल्सन द्वारा इस दिन की शुरुआत पृथ्वी के गुणों का सम्मान करने और साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए की गई। उन्होंने लोगों को यह संदेश दिया कि इंसान को यदि पृथ्वी पर रहना है तो उसे इसके विषय में सोचना होगा। संस्था की सुपोषण सखी श्रीमति रचना लोधी ने कहा कि सही समय पर सभी लोग जाग जाएं - तो अच्छा होगा नहीं तो प्रथ्वी के विनाश को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि पृथ्वी पर जैसे-जैसे आबादी बढ़ते जा रही है, यहां प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, बढ़ते असंतुलन के कारण वो दिन अब दूर नहीं है जब पृथ्वी रहने का स्थान नहीं बचेगी इसलिए जरूरी है कि सही समय पर सभी लोग जाग जाएं और अपनी जिम्मेदारियों को समझें और पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्य निभाएं इसी उद्देश्य के साथ पिछले 50 सालों से संपूर्ण विश्व में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। समन्वयक पूजा शर्मा ने कहा कि  पृथ्वी को स्वस्थ बनाने के लिए, उस को पहले की तरह बनाने के लिए जो कुछ भी विश्व कर सकता है, उस पर विचार किया जाएगा। पिछले वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस का विषय जलवायु कार्रवाई था जो कि वाकई एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हर साल आयोजक एक नया विषय रखते हैं।विश्व पृथ्वी दिवस के दिन सबसे पहले तो लोग पृथ्वी का धन्यवाद करते हैं कि उन्हें ऐसा एक गृह मिला जहां पर जीवन मौजूद है। जीने के लिए आवश्यक हर संसाधन मौजूद है। इस अवसर पर विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रतियोगिताएं होती हैं। विद्यालय और महाविद्यालयों में भाषण, निबंध एवं स्लोगन आदि प्रतियोगिताएं होती हैं। चूंकि पूरी दुनिया में कोरोन्ना का कहर बरपा है तो इस बार ये सब ना करते हुए सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए ये दिवस मनाया। सभी को मास्क पहनने एवम् टीका जरूर लगवाने के लिए जागरूक किया।

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