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बड़ी खबर: हवाई तीर छोडिये जिमेदारों, जमीन पर उतरिये, बेटी को लिये दर दर भटकते एलआईसी अधिकारी की करुण दास्तान

गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

/ by Vipin Shukla Mama
- खरी खरी हकीकत पढिये, एक पिता का दर्द
- जब सोसल साइड पर लिखा तब सुबह जिला अस्पताल में लिया सेम्पल
- कलेजा हिलाने वाली रिपोर्ट
शिवपुरी। कोरोना की चाक चौबंद दावों की पोल खोलती हकीकत हम आपके लिये लेकर आये हैं। एक एलआईसी अधिकारी हैं रमाकांत तिरपाठी, उनकी पत्नी सेंट्रल बैंक में अधिकारी हैं जिन्हें केंसर है। बिडम्बना देखिये इसी बीच उनकी दिल्ली जॉब कर रही बिटिया को कोरोना के लक्षण नजर आए तो रमाकांत भागे भागे दिल्ली गए। बेटी को ये सोचकर शिवपुरी ले आये की सभी अपनो के बीच वह जल्द इलाज करा लेंगे। उनका कहना भी है कि व्यवस्थाओं का जो ढोल पीटा जा रहा था उसे देखकर लग रहा था तत्काल इलाज होगा। लेकिन दुखद पहलू देखिये इनकी बेटी का सेम्पल तक नहीं हो सका। जिले की सीमा में प्रवेश से लेकर कई पीएचसी भटकते रहे पर किसी ने सेम्पल नहीं लिया। तब हारकर उन्होंने सोसल साइड पर दर्द बयां किया। आप पढिये तो कलेजा हिल जाएगा। चंद लोगों के बीच सिमटकर रह गई नोकरशाही वाह वाह बटोरकर खुश है लेकिन लोगों की सुध असल मे कितनी ली जा रही है यह रमाकांत के दर्द से जाहिर है। रात भर परेशानी में गुजारने वाले रमाकांत को आखिर में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संजय ऋषिवर ने हेल्प और सुबह जिला अस्पताल में सेम्पल करवाया है। 
किंतने हैं लोग जो चीख तो रहे
सवाल ये है कि रमाकांत की तरह सजगता किंतने लोग दिखा पाते होंगे। दर्द की वेदना के बीच असुनवाई के नतीजे में कितनो ने अपनो को खो तक दिया है। सोचिये रमाकांत रिपोर्ट से पहले कोरोना के इलाज की प्रतीक्षा ही कर सकेंगे खुदा न करे देर हुई तो क्या होगा ? 
बुरी तो लगेगी बात साहब
कौंन होगा जो अधिकारियों की तरफदारी कर के वाह वाही नहीं लूटेगा लेकिन मामा का धमाका डॉट कॉम की टीम के साथ हजारों पाठकों का साथ है। कसम है सच को आइना दिखाने से हम पीछे नहीं रहेंगे। वैसे भी आपकी दुआओं से मिला दूसरा जन्म जनता के दर्द के नाम समर्पित। आपको भी कोई परेशानी हो तो बिना डरे वाट्सअप कीजिये 9826211550 पर। हम हैं आपकी आवाज। शब्बा खैर। रमाकांत की बिटिया के लिये ईश्वर से दुआ करते हैं वह जल्द स्वस्थ हो।
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  1. अत्यन्त दुखद आम आदमी की क्या स्थिति होगी यह एक विचारणीय विषय है करोना हेल्प लाईन के भीबुरा हाल है दो दिन पहले हमारे धर के पास करोना पा दुकान खोल कर बैठा था शाम 6 बजे मैने श्कायत की जवाब मिला मै आगे बात करता हू 6.30 पर फिर फोन किया जवाब मिला मैने तो बोल दिया आगगे पता नही सी एम हेल्पलाईन पर किया तो उन्होने फोन ट्रांसवर कर दिया उसी बंदे को रात को 8बजे 2बंदे आए तब दुकान बंद कराई 2धंटे मे कई लोग वहा से सामान ले चुके थे

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