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डॉक्टर अलर्ट पर न होते तो सड़कों पर मरती आवाम

शनिवार, 17 अप्रैल 2021

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। जिले में कोरोना का जो कोहराम मचा हुआ है उसके लिये जनता की ही लापरवाही बड़ी वजह बनकर सामने आई है। सावधानी को ताक पर रखकर न मास्क इस्तेमाल किया। न सुरक्षित दूरी रखी। नतीजे में हम तेजी से  संक्रमित होते चले गए। नतीजा यह हुआ कि अस्पताल में जगह कम पड़ गई। इधर डॉक्टर जिन्हें आता खतरा साफ नजर आ रहा रहा था वह तैयार थे। लोग भले ही जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज की टीम की तैयारी पर कोई सवाल खड़े करें लेकिन हकीकत में ये है कि डॉक्टरों का कमाल ही रहा कि कम साधन के बीच जंग लड़ गए। जितनी दवा, स्टाफ साथ था उसी के बूते कोरोना से 2 हाथ कर डाले। दोस्तों, खुद पॉजिटिव होने के चलते मैने अपनी आंखों से देखा कि किस तरह सीएमएचओ डॉक्टर एएल शर्मा, मेडिकल कॉलेज के दिन अक्षय निगम, डॉक्टर एके वर्मा, सिविल सर्जन डॉक्टर राजकुमार ऋषीश्वर,  डॉक्टर रितेश यादव और न जाने कितने डॉक्टर रात दिन लोगों की जान बचाने वार्ड, स्टाफ, साधन जुटाने में लग गए। 
सलाम मातृशक्ति दिलो जान से
जिसने मेरी तरह कोरोना को जिला अस्पताल में जिया है। पल पल जिंदगी के साथ मौत का संघर्ष देखा है उन्होंने स्टाफ में मौजूद उन मातृ शक्क्ति को देखा होगा जिन्होंने रात दिन चेहरे देखे बिना लोगों की मरीजों की मदद की। हर तरफ से कराहती, वेदना से भरी चीखों के बीच जब पुरुषों को सिहरन दौड़ जाए ऐसे में जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की स्टाफ, बिना इन चीखों वेदनाओं से डरे लोगों की मदद करती रही और कर रही हैं। इन सभी को दिल से सलाम। 
जो जा रही जान हमारी लापरवाही
बात बुरी लगे लेकिन पहले लापरवाही के नतीजे में हिफाजत नहीं कि। फिर बुखार ने घेरा तो अपने स्तर पर इलाज करवाकर खुद को संकट में डाल लिया। अब भी वक्त है। सम्भल जाइये। मास्क लगाइये, सुरक्षित दूरी रखिये। अपनो की फिर करिये। सब्ब्बा खैर। विपिन शुक्ला, जिला अस्पताल आइसोलेशन वार्ड से इलाज कराते हुए।
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