शिवपुरी। मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और भी सजग नेता इतने समर्थ हैं कि जिले को ऑक्सीजन तो मिलेगी ही। अब बात बची जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की जिसमें ऑक्सीजन के पॉइंट्स नहीं हैं। मरीजों की भीड़ ज्यादा प्रत्येक की अटकती सांसों को ऑक्सीजन ही चाहिये। जमीन पर लोग पड़े हैं। ऑक्सीजन के लिये तड़प रहे हैं। रूह कांप जाएगी हालात जानकर की अपने मरीज की जिंदगी बचाने उन्हें मरने वाले मरीजों के पलंग पर आश्रित होना पड़ रहा है। क्योंकि अगर इलाज माफिक है तो किसी भी मरीज को कम से कम 8 दिन ऑक्सीजन लगानी पड़ती है। ऐसे में कंस्ट्रेटर या टैंकर की जंग हमारे बड़े नेताओं पर भरोसा रखकर भूल जाइए। लेकिन आज ही जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में पलँग ओर प्रत्येक पलँग पर ऑक्सीजन की लाइन जल्द तैयार करवाकर लोगों की जान बचा लीजिये। निजी अस्पताल पर चाबुक कब
इधर रेमडिसिवर की कालाबाजारी की खबर प्रकाशित होते ही जिन निजी अस्पताल को 100 मरीज भर्ती की परमिशन दी गई वे ऑक्सीजन कोविड के मरीजों को भर्ती ही नहीं कर रहे। इन पर चाबुक चलाइये।
10 दिन के भीतर हर हाल में ऑक्सीजन प्लांट की शर्त

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