शिवपुरी। नगर में साल भर मेंटिनेंस के नाम पर बिजली कटौती करने वाली बिजली कम्पनी के दावों से इतर कई इलाकों में हर दिन बिजली गुल हो रही है। अघोषित कटौती और फाल्ट ने लोगों की नींद हराम कर दी है। छोटे छोटे फाल्ट घण्टों ठीक नहीं हो पाते। इसके पीछे मूल वजह बिना फ़ौज के लड़ाई लड़ी जाना है। मसलन स्टाफ के बगैर बिजली कम्पनी जंग लड़ रही है।
आज के 2 उदाहरण खोलते पोल
1- जिला अस्पताल में रोज बिजली गुल होती है। आज केबिल जल गई। स्टाफ पहले बाणगंगा गया। केबिल लाएगा तब देर शाम बिजली ठीक हो सकेगी। तब तक ऑक्सीजन पर मरीजों का भगवान मालिक। क्योंकि अस्पताल के जनरेटर भगवान आसरे रहते।
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2- नगर की पॉश विवेकानंद कोलोनी में वैसे तो रोज बिजली गुल हो रही है। वोल्टेज के उतार चढ़ाव से उपकरण फूक जाते हैं। आज तो हद हो गई। दिन के 3 बजे से बिजली गुल है। कम्पनी के इंजीनियर नरेंद्र नरवरिया ने कहा कि पहले स्टाफ अस्पताल की केबिल बाणगंगा से लाकर बदलेगा। तब विवेकानंद कोलोनी वही घोडे दौड़ाए जाएंगे। आप समझ गए न बिजली कम्पनी पर स्टाफ नहीं है और नगर में कोरोना के चलते लोग घरों में कैद गर्मी से बिलबिला रहे हैं।

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