शिवपुरी। जान हमारी फिक्र में वर्दी, हम नादान, लापरवाह, खुद की जान के दुश्मन बन सड़कों पर निकलते हैं। वर्दी फर्ज निभाये तो उलझते हैं। भीड़ देखिये जैसे कोरोना कर्फ्यू को तोड़ने निकली हो। क्या हम अपनी जवाबदेही नही समझ सकते। मजाक समझ रहे हैं क्या हम, रोज 30 की मौत हो रही है। बस हमारा कोई नहीं गया न अब तक, तो क्यों सुधरे। भाई मान जाइये इस बार का स्ट्रेन घातक है। आपकी लापरवाही के नतीजे में जिले के 108 पुलिसकर्मियों को संक्रमित होना पड़ा है। एसपी राजेश चन्देल फिक्रमंद हैं। हम भी सुधर जाएं।
इधर नगर के गुरुद्वारा चोक पर मंगलवार को एक यातायात कर्मी किसी बाइक सवार को रोककर चाबी निकालते दिखाई दिया। सम्भल जाइये। चाबी हाथ से मत निकालिये बल्कि किसी को हाथ लगाए बिना चेक कीजिये। गलत हो तो चालान करिये लेकिन जान जोखिम में मत डालिये वीर योद्धाओ।
कोई भी लक्षण, टेस्ट, दवाई लेकर घर मे अलग कमरे में कैद
दोस्तो कोई भी लक्षण हो सर्दी, बुखार, जुखाम, गला दर्द, खुशबू गायब तो समझिये कोरोना। पर डरिये नहीं सीधे सेम्पल, डॉक्टर से दवाई, सांस काबू में तो घर का कौना पकड़िए। जिससे घर के अन्य सदस्य बचे रहे। कोरोना को 6 दिन में हरा सकते हैं। भर पेट भोजन, हिम्मत, साहस, दवाई और कोरोना चित्त। जो लापरवाही कर रहे उन्हीं के परिवार पर गहरा संकट है। मास्क सबसे बड़ा हथियार है। लगाइये। सेनिटाइजर उपयोग कीजिये।

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