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क्या आप जानते हैं पवई मैना का दूसरा नाम ब्राह्मणी है

शुक्रवार, 28 मई 2021

/ by Vipin Shukla Mama
मुरैना। (यदुनाथ सिंह तोमर की रिपोर्ट)
भगवान की बनाई हुई इस दुनिया में तमाम प्रकार के जीव पशु पक्षी मानव निवास करते हैं इस जगत में जब इनके बारे में हम जानते हैं तब मालूम होता है ब्राह्मणी मैना या ब्राह्मणी अभिनीत पक्षियों के तारकीय परिवार का सदस्य है। यह आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप के मैदानी इलाकों में खुले आवासों में जोड़े या छोटे झुंड में देखा जाता है इस आर्टिकल के माध्यम से  हम बात करने वाले हैं मैना पक्षी के बारे में जिनको आपने खेतों में , मैदानों कही पर देखा ही होगा। जो दिखने में सुन्दर और एक मध्यम आकर का पक्षी है। जिनका इंग्लिश नाम भी मैना ही हैं । 
मैना पक्षी की जानकारी
दोस्तों सबसे पहले हम बात करने वाले हैं की  पूरी दुनिया में मैना चिड़िया की करीब 20 प्रजाति पाइ जाती हैं। जिनमे गुलाबी मैना , पहाड़ी मैना , पवई मैना और भारतीय मैना मुख्य है।
ये पक्षी मूल रूप से दक्षिण एशियाई पक्षी है जो ज़्यादातर भारत , पाकिस्तान , बांग्लादेश और म्यांमार में भी ये पक्षी पाया जाता है। जबकि भारत में मैना पक्षी हर जग़ह पाए जाते हैं। और भारत में ये पक्षी उन पक्षियों में से एक है जो इंसानों के आसपास रहना पसंद करते हैं। दिखने में मैना सुंदर और मध्यम आकर का पक्षी होता है। और ज़्यादातर ये पक्षी आपको गांव के खेतों में , मैदानों में और जलाशयों के आसपास दिखने को मिल जायेगा।
अगर हम इस पक्षी के वजन के बारे में बात करे तो इस पक्षी का वजन करीब 120 ग्राम से लेकर 150 ग्राम तक होता है। जबकि लंबाई के बारे में बात करे तो मैना पक्षी की लंबाई करीब 20 से लेकर 25 सेंटीमीटर तक की होती है। मैना पक्षी के छाती का भाग भगवा कलर का एवं  सिर काले रंग का होता है। जबकि चोंच , पैर पिले रंग के होते है। तथा आंखों काली ओर सफेद रंग की होती है । पंख भूरे मटमैले वह पूछ का भाग काला सफेद रंग का होता है  मैना क्या खाती है ? ये पक्षी दाने , फल , फूल और छोटे – छोटे किट पतंगों को भी खाना पसंद करती हैं यानिकि मैना पक्षी एक सर्वाहारी पक्षी है। क्या आप जानते हो की पहाड़ी मैना छत्तीसग़ढ और मेघालय का राज्य पक्षी भी है। देखने पर नर मैना और मादा एक जैसे ही लगते हैं। ज्यादातर ये पक्षी झुण्ड में ही रहेना पसंद करते हैं। और उनके झुण्ड में करीब दो से लेकर 10 की संख्या भी पाइ जाती है।पहाड़ी मैना को उसकी मधुर और आकर्षित आवाज़ की वज़ह से उनको पालतू बनाकर भी रखा जाता है। 
पवई मैना को उसके दूसरे नाम ब्राह्मणी मैना के नाम से भी जाना जाता हे।
 ये पक्षी अपना घोंसला मकान के छतो के छेदो में या फिर पेड़ो के छेदो में बनाना पसंद करती हे। लेकिन मैना की सबसे खास बात ये है की वो ज़्यादातर दूसरे के घोंसले में ही अंडे देती है। और मैना पक्षी जुलाई और अगस्त में अंडे देती हे। मैना करीब तीन से लेकर पांच अंडे देती है जिनका रंग आछा नीला होता है। और वो अपने अंडो को करीब 15 दिन के आसपास सेहती है और उसके बाद बच्चें पैदा निकलते है जिनके पास जन्म के दौरान पंख नहीं होते लेकिन कूछ दिनों के बाद पंख आना शुरूर हो जाता है। मैना पक्षी का जीवनकाल करीब पांच साल के आसपास रहता है।

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