मुरैना। (यदुनाथ सिंह तोमर) चंबल अभ्यारण तमाम सारे शिकारी पक्षियों की पसंदीदा जगह मानी जाती है क्योंकि यहां पर आम आदमी का ज्यादा दखल नहीं होता चंबल कई दशकों तक बागियों की शरण स्थली भी रही है। यही कारण है की यहां पर आमजन अधिक मात्रा में नहीं देखे जाते हैं मगर चंबल अभ्यारण में जो पर्यटक पर्यावरण प्रेमी होते हैं वह अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए चंबल अभ्यारण का रुख करते हैं जब पर्यटक नौकायन के माध्यम से या चंबल किनारे बैठ कर जलीय जीवो का अध्ययन के लिए या देखने के लिए बैठते हैं तो उन्हें इनके विषय में जानने का एक अवसर प्राप्त होता है यह पक्षी किस समुदाय का है और इसका व्यवहार इस प्रकार का है तथा यह अपने शिकार पर किस प्रकार से अपने दृष्टि रखता है यह सारी चीजें अभ्यारण में आने के बाद ही लोगों को पता लगती है क्योंकि जलीय जीवो के बारे में लिखकर नहीं समझाया जा सकता इसके लिए उनसे खुद रूबरू होकर जाना जा सकता है कि वह देखने में कितने सुंदर और मनमोहक होते हैं यही कारण है अन्य प्रदेशों के पर्यटक भी चंबल अभ्यारण की और अपना रुख करते हैं ।
ग्रे हेलन बगुला, बगुला परिवार का एक लंबे पैरों वाला शिकारी पक्षी है, यूरोप और एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी। यह अपनी अधिकांश सीमा में निवासी है, लेकिन अधिक उत्तरी भागों से कुछ आबादी शरद ऋतु में दक्षिण की ओर पलायन करती है । देखने में यह अन्य बगलों की तुलना में बड़े होता है और इसके पंख हल्के काले एवं स्लेटी रंग के होते हैं तथा गर्दन और सर चितकबरी सिलेटी रंग की पाई जाती है अन्य बगुला की तुलना में इनके पैरों पर आकार अधिक लम्बा होता है यह पानी के अंदर खड़े रहकर अपने शिकार पर दृष्टि जमाए रहते हैं जैसे ही इनकी पहुंच में मछली या छोटे मेंढक करीब आ जाते हैं यह उन्हें आसानी से अपना निवाला बना लेते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें