शिवपुरी। उम्मीद सब पर भारी है, साहस के आगे सब बौने हैं। ठान ले इंसान तो कोरोना क्या बड़ी से बड़ी बीमारी को हरा सकता है। इसी तरह की एक प्रार्थना जिसे आप हम सुनते रहे हैं, लेकिन इस अंधकार के बीच आशा की किरण की तरह लेकर आई हैं नगर की जानी मानी स्वर कोकिला आकांक्षा गौड़।
प्रार्थना
हो तिमिर कितना भी गहरा
हो रोशनी पर लाख पहरा
सूर्य को उगना पड़ेगा,
फूल को खिलना पड़ेगा।
हो समय कितना भी भारी
हमने ना उम्मीद हारी
दर्द को झुकना पड़ेगा
रंज को रुकना पड़ेगा।
सब थके हैं, सब अकेले
लेकिन फिर आएंगे मेले
साथ ही लड़ना पड़ेगा

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