नशेड़ी नहीं है युवक, पूरे होश में गया था पिस्टल लेकर लूटपाट करने समीर के घर
- उन्हीं के पेट्रोल पंप के ठीक पीछे रहता है, गौरव उर्फ मोंटी तिवारी पुत्र स्वर्गीय मोंटी तिवारी
शिवपुरी। नगर टॉप टेन सेठों में शुमार आईपी समीर गांधी की कोठी में आज बड़ी वारदात टल गई है। घर के नोकर चन्देल सिंह के साहस से घर मे कोई अनहोनी ओर लूटपाट तो नहीं की जा सकी लेकिन साहस दिखाते हुए दबोच लिए गए गौरव उर्फ मोंटी तिवारी पुत्र स्वर्गीय दामोदर तिवारी ने कुबूल कर लिया है कि वह समीर सेठ के घर बड़ी लूटपाट के इरादे से गया था। कोतवाली पुलिस को पूछताछ में गौरव ने यह जानकारी दी। बता दें कि गौरव गांधी पेट्रोल पंप के पीछे बसी तुलसीनगर में रहता है। उसके अनुसार जब उसने एकाएक लखपति बनने की बात सोची तो सबसे पहले उसकी आँखों में समीर सेठ का चेहरा घूम गया। उसने एक बुर्का लिया जिससे कोई पहचाने न ओर एक पिस्टल लेकर चुपके से घर मे दाखिल हो गया। उसने किचन में काम कर रही बाई को धमकाकर रुपये की मांग की। हाथ मे पिस्टल से धमकाया। जब बाई ने कहा रुपये किचन में कहाँ वह लाकर देती है तो उसने 3 बार पिस्टल से फायर की कोशिश की और समीर की पत्नी को बुलाने कहता रहा। बकौल बाई तब तक वह मालकिन के क्रमरे में गई और अन्दर से कमरा बन्द कर लिया। उन्होंने घर के बाहर समीर को फायर के डर से न बुलाते हुए कर्मचारी बंटी को मोबाइल से बुलाया। तब तक चन्देल सिंह की एंट्री हुई और झड़प में पिस्टल चली तो चन्देल के हाथ से खून बह निकला। फिर भी उसने हार नहीं मानी और हमलावर को दबोच लिया। अंततः गौरव के मंसूबे धरे रह गए। अब वह पुलिस का मेहमान है। एसपी राजेश चन्देल, टीआई बादाम यादव ततकाल मौके पर पहुंच गए थे। बदमाश से भिड़ने वाले चन्देल को पुलिस सममानित करेगी।
दुस्साहस
बता दें कि सरकारी क्वार्टरों के आसपास रहने वाले समीर गांधी की कोठी पर रात को गार्ड तैनात रहता है लेकिन दिन में नहीं। शायद बदमाश रेकी करके घर मे दाखिल हुआ। घर का कोई कर्मचारी उससे मिला तो नहीं पुलिस यह भी देख रही है। दिन दहाड़े इस तरह घर मे घुसने वाले बदमाश की इस करतूत से नगर में लोग ख़ौफ़ज़दा हो गए हैं।
नहीं करता कोई नशा
बदमाश गौरव सिगरेट पीता है लेकिन नशा नहीं करता। यह बात टीआई बादाम यादव ने कही। यानि कि पूरे होश में उसने घटना को अंजाम दिया।
समीर पास वाली दूसरी कोठी पर थे
एक समय मेहता कोठी भी अब समीर गांधी की है। घटना के समय समीर किसी के साथ उसी कोठी की तरफ थे। इधर बुर्के वाला बदमाश गौरवः घर मे घुस गया। सोचिये हाथ मे पिस्टल ओर इरादे लूट के थे। बड़ी घटना टल गई। शायद समीर ओर उनके पिता के सालों साल से समाजहित में किये जा रहे पुण्य आड़े आ गए। आर्य समाज मन्दिर के माध्यम से लोगों को जोड़ना और यज्ञ, प्रवचन जी नियमितता के अलावा वर्तमान कोरोना के दौर में नियमित रूप से घर छोड़कर समीर असल योद्धा बने हुए हैं। शायद यही सब रिपोर्ट कार्ड आज काम आ गया और बड़ी वारदात टल गई।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें