मुरैना। पुरातनकाल में मानव सभ्यता के चिन्ह आज भी गवाह है उस समय की संस्कृति कैसी रही होगी। यह जानकर कुछ लोगों को आश्चर्य होगा कि भीम बैठका के समकालीन शैल चित्र चंबल संभाग के मुरैना जिले की पहाड़गढ़ तहसील में आज भी मौजूद हैं। उस समय के लोग किस प्रकार से रहते थे और अपना जीवन यापन करने के लिए किस प्रकार से शिकार किया करते थे उनकी कला एवं संस्कृति इन चित्रों में आज भी प्रासंगिक है। मुरैना से 70 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ के घने जंगलों में लिखी छाज नामक स्थान पर यह चित्र पत्थर पर लाल रंग से उकेरे गए हैं। हजारों साल निकलने के बाद भी यह चित्र आज भी अच्छी स्थिति में हैं। सरकार इनको संरक्षित करे, जिससे आगे आने वाली पीढ़ी इन्हें देख सकेगी एवं इन विषयों पर शोध भी कर सकेगी। पुरानी संस्कृति में किस प्रकार से लोग रहा करते थे उसका जीता जाता उदाहरण चंबल क्षेत्र के पहाड़गढ़ में आज भी देखने को मिल रहा है। मुरैना जिला पर्यटन एवं कला संस्कृति से परिपूर्ण है साहस यहां के नौजवानों में कूट कूट कर भरा है इसीलिए भारतीय सेना में मुरैना चंबल का दबदबा है।

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