पिता की केस फ़ाइल दी न मोबाइल, यादें, स्मृतियां थी उसमें
- कह दिया चोरी हो गया
- डीन के डॉन रूपी रवैये से टूट रहा मरीजों का मानसिक बल: डॉक्टर कटारिया
- मेडिकल कॉलेज के नाम से आम लोगों में भय
शिवपुरी। मेडिकल कॉलेज आज सुबह से सुर्खी में है। जारी रिपोर्ट में 45 मौत को कुछ दिन बाद कि रिपोर्ट में 38 दिखाना चर्चाओं में है। यह मामला थमा भी नहीं था कि नगर में सेवा निवर्त बैंक अधिकारी विजय वर्मा की मौत से टूटे उनके डॉक्टर सुपुत्र आकाश कटारिया ने फेसबुक पर जो लिखा वह मेडिकल कॉलेज के नाम पर धब्बे से कम नहीं। आकाश ने लिखा कि पिता का मोबाइल तक नहीं दिया। यह बड़ा सवाल है। मांगा तो कहा चोरी हो गया। आकाश ने लिखा डीन साहब आपके डॉन रूपी रवैये ने मरीजों का मनसिक बल तोड़ दिया है। अगर कोई आई सी यू में भर्ती हो गया तो भगवान भरोसे। मेडिकल कॉलेज के नाम से जनता में भय समा गया है। जानकारी लें कि किंतने मरीज ठीक होकर गए। सब जानकारी गलत दी जाती है। मैने अपने पिता को खोया है न उनकी केस फ़ाइल दी न ही मोबाइल, पापा की यादें ओर स्मृतियां थी मोबाइल में वो तक चोंरी कर लिया। बोले फोन नहीं था वहां।कुलमिलाकर गंभीर सवालों से घिरे मेडिकल कॉलेज को अपनी साख बचाने के लिये कुछ ठोस उपाय करने होंगे। तभी जनता के बीच वह स्थापित हो सकेगा। वर्ना लोग विश्वास खो बैठे तो कितनी भी कवायद बेकार साबित होंगी।
जरूरी था खुलना लेकिन..
मेडिकल कॉलेज का खुलना समय की मांग थी। हमने भी कहा था इसे जल्द शुरू किया जाए। मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, कलक्टर अक्षय सिंह, एसपी राजेश चन्देल जुट गए तो 130 बेड का आईसीयु शुरू हुआ। लोग ठीक से चेन की सांस भी नहीं ले पाए थे कि मेडिकल कॉलेज में मरीजों की लगातार मौत से नगर के लोग डरने लगे। आज हालात पूरी तरह खराब हो गए हैं।

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