शिवपुरी। कोरोना संक्रमण ने इस बार सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये। बड़े बड़े वीर चित हो गए। जैसे ही संक्रमण हुआ कुछ लोगों को आक्सीजन की कमी हुई, लोगों को अस्पताल की शरण लेनी पड़ी। इन लोगों को अस्पताल से घर आकर फेफड़ों की शक्ति रिटर्न लानी थी जबकि कुछ लोग ऑक्सीजन की बाउंड्री लाइन पर खेल गए। यानी दोनों ही तरह के मरीज फेफड़ों की सेहत बनाने में घर के बगीचे से कामयाब हुए। बड़े पेड़ो की तरह तो नहीं लेकिन छोटे ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की तरह घर के गमलों में लगे पौधों ने ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई।
इस तरह किया जोन तैयार
लोगों ने घर के आसपास और छतों पर गमलों में छोटे-छोटे पौधे लगाकर प्राकृतिक आक्सीजन जोन तैयार कर लिया। इन पौधों से 24 घंटे आक्सीजन मिलती है। साथ ही ये पौधे विषैली गैसों को अवशोषित कर लेते हैं। इससे लोगों के फेफड़े सेहतमंद हो गए।कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान आक्सीजन की उपयोगिता लोगों की ठीक से समझ में आई। जब अपनों की जान बचाने के लिये मिन्नतें करने के बाद भी आक्सीजन नहीं मिलीं। इधर आक्सीजन की उपयोगिता समझ आने के बाद अब लोगों ने घरों में ही आक्सीजन के स्रोत खोज लिए हैं। लोगों ने घर के आंगन या छत सभी जगह आक्सीजन देने वाले पौधों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
वैसे तो सभी पौधे दमदार ये खास
ऑक्सीजन सर्जन करने में वैसे तो सभी तरह के पौधे कामयाब हैं लेकिन इनमे भी नाग पौधा, स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट, मनीप्लांट, एलोवेरा, सिंगोनियम, गुड़हल फर्न, जेड प्लांट, बोगनविलिया, ड्राइसीना, ऐरेका पाम, क्रोटोन, चायनीज़ एवरग्रीन्स, ड्रेकेना फ्रेग्रेंस, इंग्लिश इवी, लेडी पाम, पाथीफाइलम, बोस्टन फर्न, वीपिंग फिग आदि आक्सीजन देने वाले पौधे हैं।
ये बोले सन्नी गुप्ता
कोरोना पॉजिटिव आते ही घबरा गया था। डॉक्टरों से परामर्श किया। घर पर ही रहते इलाज शुरू किया। इस बीच घर में लगे पौधे ऑक्सीजन जोन नजर आए। घर के मुख्य द्वार से ही गमलों में पौधे शुरू हो जाते हैं। घर में प्रवेश करेंगे, तो विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगे हुए हैं। छत व सीढी पर अलग-अलग पौधे हैं। कमरों और आंगन में आक्सीजन देने वाले पौधे लगे हैं। गिलोय निशुल्क वितरित करता हूँ।
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हमने भी किया पौधों के बीच में बैठकर योग: विपिन शुक्ला
जिंदगी जाती सी नजर आई लेकिन तब अस्पताल की ऑक्सीजन ने प्राण बचाये। लोगों की दुआओं के असर से दूसरा जींवन मिला लेकिन डॉक्टरो की हिदायत थी कि घर पर फेफड़ों को मजबूती देनी है। अनुलोम विलोम, कपालभाती से लेकर अन्य योग क्रिया करने कहा। तब हमने अपने घर में गमलों के पौधों के बीच बैठकर योग किया। ऑक्सीजन मेंटेन हुई। अब नित्य क्रम में यही शामिल कर लिया है।
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क्या बोले डॉक्टर संजय शर्मा विशेषज्ञ होम्योपैथ, शिवपुरी
सभी पेड़ वातावरण में से कार्बन ड्राइ आक्साइड लेकर आक्सीजन देते है। इंडोर प्लांट कार्बन डाइ आक्साइड के अलावा वायुमंडल से प्रदूषकों जैसे बैंजीन, फार्मल्डिहाइड, ट्राईक्लोरोएथिलीन, जाइलीन, ओलुइन आदि कैंसर कारक तत्वों को भी अवशोषित करते हैं। इसी कारण इंडोर प्लांट काफी फायदेमंद हैं। बड़े पेड़ों के मुकाबले इंडोर प्लांट कम आक्सीजन देते है, लेकिन घर में ऑक्सीजन की मात्रा मेंटेन बनी रहती है।

Kya es adhar per ayurved and alopathy Ka war / IMA and patanjali( Ramdev) closed hokar dono ek sath ek dusray Ke help kartay huyay desh ko agay lay janay Ka prayash Kar world Ke samnay best proof karangay
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