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'मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया का अनौखा प्रयास स्व सहायता समूह की महिलायें करेंगी कोरोना रोकथाम में सहयोग'

रविवार, 23 मई 2021

/ by Vipin Shukla Mama
प्रदेश नहीं देश में पहली बार होगा नया प्रयोग
-समूह की महिलाओं का प्रशिक्षण प्रारंभ
शिवपुरी। म.प्र. में कोरोना के रोकथाम सक्रिय प्रयासों के चलते मध्य प्रदेश की कैबिना मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया ने एक अदभुत प्रयोग किया हैं। जिसमें स्वसहायता समूह की महिलायें कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में न केवल जन जागरूकता अभियान रोको-टोको अभियान, टीका करण अभियान और किल कोरोना अभियान में न केवल सक्रिय भागीदारी करेंगी। बल्कि इसको रोकने में श्रेष्ठ सहायक की भूमिका भी निभायेंगी। इस  पहल पर इन न केवल प्रशिक्षण दिया गया बल्कि उन्होंने इन से सीधा संवाद भी किया। बताते चलें कि कोरोना और कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम के लिए कैबिना मंत्री और शिवपुरी दतिया  की कोरोना की प्रभारी मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने जो नई पहल की हैं वह संभवत: मध्य प्रदेश की नहीं देश में पहली पहल होगी जो नवाचार भी गिना जावेगा। इस नवाचार के तहत मंत्री की पहल पर इन समूहों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसमें इन्हें कोरोना कफ्र्यू के पालन और उससे संबंधित सभी बातों का प्रशिक्षण दिया जावेगा। ताकि वे इसमें सक्रिय भूमिका निभा सकें।दरअसल जब यह देखा कि जिले में आजीविका मिशन के तहत 10 हजार 900 समूहों में 1 लाख 27 हजार से अधिक महिलायें जुड़ी हुई हैं और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक  उनका नेटवर्क हैं तो उन्होंने सोचा क्यों न इन महिलाओं को कोरोना की रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण और जन उपयोगी विषय से जोड़ा जाए और इसी थीम पर होमवर्क करके एक पूर्ण कार्य योजना तैयार की जिसमें इन महिलाओं के माध्यम से कोरोना की रोकथाम के लिए ठोस कार्य किया जा सके। 
एक गांव में औसतन चार समूह हैं जिसमें संपूर्ण गांव की महिलायें जुड़ी हुई हैं। इनके माध्यम से जहां कोरोना को लेकर रोको टोको अभियान में यह महिलायें सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। हाथ धोने और मास्क पहनने के लिए ग्रामीण लोगों को प्रेरित कर सकती हैं वहीं किल कोरोना की टीम के साथ जुड़कर सुपरवाईजर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि के साथ सहयोग करके अपने गांव का सर्वे कराने में भी सहभागी बन सकती हैं। इसी तरह यह महिलायें टीका करण अभियान में भी न केवल अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर सकती हैं बल्कि स्वयं, उनका परिवार, नाते रिश्तेदार और गांव के संपर्क के लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित भी कर सकती हैं। चूंकि आज भी गांव में महिलाओं को सम्मान की नजर से देखा जाता हैं अत: महिलायें यदि महिला और पुरूष दोनों को कोरोना अभियान के तहत इन सभी बातों के लिए प्रेरित करेंगी तो वह वनिस्पत सरकारी तंत्र के ज्यादा प्रभावी साबित होगा। इसी के चलते जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया ने इन सभी समूह की महिलाओं को सकुल स्तर पर चार-चार विकास खण्ड के दो वैच में प्रशिक्षण का आयोजन कराया और न केवल वे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वयं उपस्थित रहीं बल्कि मध्य प्रदेश शासन की प्रमुख सचिव श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी एवं जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह भी इस कार्यक्रम से जुड़े रहे और अपने उपयोगी सुझाव दिए। 
बरहाल  यह प्रयास अदभुत और अनुठा प्रयास हैं जिसके चलते उन्होंने स्वसहायता समूहों के माध्यम से पूरे जिले की महिलाओं को एक धांगे में पुरो कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए एक सशक्त मोर्चा तैयार कर लिया हैं। इस प्रशिक्षण में कई ब्लॉकों की महिलाओं ने मंत्री महोदय से सीधी बात चीत की और उन्हें बताया कि वे गांव में किस तरह मास्क और दवा वितरण में न केवल सहयोग कर रही हैं बल्कि अन्य अभियानों में भी हिस्सा ले रही हैं। श्रीमंत सिंधिया का यह प्रयोग कोरोना की तीसरी खतरनाक लहर के प्रभाव से बच्चों को बचाने में न केवल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बल्कि शिवपुरी से प्रारंभ यह प्रयोग निश्चित रूप से देश और प्रदेश में एक नजीर बनेगा और इसकी सफलता से संभव हैं शिवपुरी पेंटर्न अन्य कई प्रदेशों में भी इस कारण लागू हो सकता हैं क्योंकि महिलाओं के माध्यम से एक ही बार में न केवल अपनी बात प्रत्येक गांव तक पहुंचाई जा सकती हैं। बल्कि प्रभावी क्रियान्वयन भी इस मातृ शक्ति के द्वारा करवाया जा सकता हैं।

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