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'धमाका साहित्य कॉर्नर':अंजुमन में गूंज रहे हैं 'कितने ही फ़साने': अंजली

शनिवार, 19 जून 2021

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। श्यामली  हटती चले, तब  ही  ये  रात चले 
तुलूअ-ए-सुबह  तक  कोई तो  साथ  चले

आदाब-ए-नज़र  बदल  कर  तो ज़रा देख
चिराग़-ए-दर  अन्तर्मन  में  तेरे  साथ  चले

अंजुमन  में गूंज  रहे  हैं  कितने ही फ़साने
सुना प्रेम धुन जो तेरी धड़कनों के साथ चले

मुस्कान  से  लवरेज़  कर   दे  तू  ज़र्रा-ज़र्रा
अर्ज-ओ-समाँ में तेरा ही उल्लास साथ चले

अंजली भर ले विश्वास अपने जेहन में बहुत
मुश्किल घड़ी में कृष्ण का प्रेम तेरे साथ चले
#कृष्णदीवानी_अंजली✍️

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