मुरैना। (यदुनाथ सिंह तोमर स्वतंत्र की रिपोर्ट) आज मनुष्य संयुक्त परिवार मैं रहना पसंद नहीं करता है । मगर पक्षियों का एक समुदाय आज भी परिवार के साथ झुंड में रहता नजर आ जाएगा । बड़े ही सुंदर दिखने वाले यह पक्षी हरे रंग के होते हैं इनकी चौच काली तथा पंजे काले रंग के पाए जाते हैं पंखों का कुछ भाग गेरुआ रंग का मूल रूप से होता है यह पक्षी मूल रूप से कीट पतंगे खाकर अपना जीवन व्यतीत करते है । पक्षी विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने बताया कि यह पक्षी मधुमक्खियां खाना ज्यादा पसंद करते है जहां पर भी मधुमक्खियों के छत्ते होते हैं या किसान भाई अपनी फसलों के पास मधुमक्खियों पालन के लिए बॉक्स लगाकर मधुमक्खी पालन करते हैं वहां पर भी यह पक्षी मूल रूप से अपना भोजन करने के लिए मधुमक्खियों का शिकार करता है जिससे इनका जीवन चक्र आगे बढ़ता रहता है ग्रामीण परिवेश में इसे हरा मधुमक्खी खाने वाला, जिसे छोटे हरे मधुमक्खी खाने वाले के रूप में भी जाना जाता है, मधुमक्खी खाने वाले परिवार में एक नजदीकी राहगीर पक्षी है। चित्र में जो पक्षी दिख रहे हैं जैसे मानो परिवार का बड़ा मुखिया छोटों को समझा रहा है और छोटे उससे बड़े ध्यान पूर्वक शिक्षा ले रहे हैं।

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