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धमाका सबसे पहले: 'नेशनल पार्क' में 'बाघ' लाने की 'कवायद तेज', 'कलक्टर अक्षय' पहुंचे 'ग्रामीणों के मध्य'

शुक्रवार, 25 जून 2021

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी माधव नेशनल पार्क में शीघ्र गूंजेगी बाघ की आवाज
शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में बरसों बाद फिर से बाघ बसाने की योजना मूर्त रूप लेने जा रही है। मध्यप्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा  माधव नेशनल पार्क एक बार पुनः देशी विदेशी पर्यटकों से आवाद होगा। इसी कड़ी में आज शिवपुरी जिला कलेक्टर श्री अक्षय सिंह द्वारा नेशनल पार्क के अंदर बसे 5 गांवों को विस्थापित करने हेतु एक बैठक सेलिंग क्लब पर बुलाई गई। उक्त बैठक में वन विभाग के सीसीएफ श्री डीके पालीवाल, पुलिस अधीक्षक श्री राजेश चंदेल, जिला डीएफओ  श्रीमती मीना मिश्रा एवं SDM Forest मध्य प्रदेश राज्य सहकारी पर्यटन संघ के चेयरमैन कुंवर अरविंद सिंह तोमर, शहर के प्रमुख होटल व्यवसाई महेंद्र सिंह कुशवाह, संदीप भोसले, जिनेश जैन सहित शिवपुरी SDM श्री अरविंद बाजपेयी, तहसीलदार श्री भूपेंद्र कुशवाहा एवं राजस्व विभाग  की टीम सहित Forest एवं पुलिस टीम मौजूद थी। शिवपुरी कलेक्टर  द्वारा  जिला टूरिज्म का कैलेंडर सीसीएफ एवं डीएफओ  को भेंट किया। बाद में नेशनल पार्क की सीमा में अड़चन बने 5 गांव लखनगवा, हरनगर, डोंगर, मामोनी, अर्जुनगवा का दौरा संयुक्त टीम द्वारा किया गया। जिलाधीश शिवपुरी द्वारा विस्थापित ग्रामों में आमने सामने एक-एक ग्रामीणों से उनकी समस्या सुनकर बात की और जो व्यक्ति पूर्व में मुआवजा पा चुके हैं उन्हें उक्त भूमि शीघ्र खाली करने हेतु कहा गया। ग्रामीणों द्वारा अपनी समस्याओं से प्रशासनिक टीम को अवगत कराया। प्रत्येक व्यक्ति की समस्या नोट कर उसके समाधान हेतु एक कार्ययोजना बनाकर शीघ्र उस पर अमल करने की बात कही गई। वही ग्रामीणों द्वारा उन्हें मुआवजा कम प्राप्त होने एवं कुछ ग्रामीणों ने जमीन के बदले जमीन एवं शासन की नई गाइडलाइन के हिसाब से मुआवजा देने की मांग भी की। कुल मिलाकर प्रशासन की यह कोशिश अब शिवपुरी में पुनः बाघ की दहाड़ देसी विदेशी पर्यटकों को शीघ्र सुनने को मिलने की आस जग गई है। shivpuri के साथ लगे हुए kuno नेशनल पार्क मैं भी चीतों को बसाने की योजना इस पूरे क्षेत्र को पर्यटन के नक्शे पर ले आएगी एवं बेरोजगारी का दंश झेल रहे शिवपुरी जिले मैं भी कई बड़े अपने होटल एवं रिसोर्ट खोलने हेतु अपनी मंशा जाहिर कर रहे हैं।
40 करोड़ खत्म फिर भी नहीं आये बाघ
पार्क में बाघ लाने की कवायद के क्रम में वन महकमा 40 करोड़ विस्थापन पर खर्च कर चुका। लोगों ने मुआवजा ले लिया पर तत्कालीन अधिकारियों की ढुलमुल मंशा के चलते अब तक ग्राम खाली नहीं कराए जा सके। अब कलक्टर अक्षय सिंह ने जिस अंदाज में कदम बढ़ाया है और अब तक उनकी ताबड़तोड़ कारवाई प्रत्येक फील्ड में रही है इसे देखते हुए और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की अगुवाई में बाघ के कदम शिवपुरी की तरफ बढ़ते दिखाई देने लगे हैं। 
कार्बेट, पन्ना की तर्ज पर चल निकलेगा व्यवसाय
बाघ आये तो टूरिस्ट सर्किट बनाने की मंशा पूर्ण होगी। साथ ही कार्बेट, पन्ना इत्यादि नेशनल पार्क की तरह शिवपुरी भी सैलानियों के लिये स्वर्ग साबित होगा। 50 से अधिक झील, झरने, पार्क, छतरी, चुड़ैल छाज, मड़ीखेड़ा डेम, नरवर किला ओर सबसे बड़ा कुनो टाइगर रिजर्व जिले के विकास में अहम किरदार अदा कर सकेगा। 
सहजता से कलक्टर बैठे घुटनो के बल, पूछी दिल की बात
किसी भी उलझे काम को सुलझाने के लिये सहजता जरूरी है। कलक्टर अक्षय दिल के बेहद शानदार इंसान है। यही वजह रही कि आज जब आप ग्रामीणों के बीच गए तो बुजुर्ग महिलाओं से उन्होने घुटनो के बल बैठकर उनकी बात सहजता से सुनी। उसे नॉट किया और निदान का भरोसा ग्रामीणों को देकर आये। बता दें कि बाघ लाने की दिशा में यह कदम मील का पथर साबित होगा। 

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