ग्वालियर। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार की शाम अपने कट्टर विरोधी ओर महल को आज तक ललकारते रहे कद्दावर नेता जयभान पबैया के घर आमद दर्ज कराकर राजनीति में उवाल ला दिया है। हालांकि सिंधिया राजनीतिक मकसद से नहीं अपितु पबैया के पिता बलबंत सिंह की अप्रैल में हुई मौत के बाद उनके घर शोक प्रकट करने पहुंचे लेकिन मिनिट 2 मिनिट नहीं करीब 25 मिनिट तक दोनों नेताओं की एकांत में बात हुई तो घर के बाहर बातों की आग भड़क उठी। 1998 में कैलाशवासी माधवराव के सामने चुनाव लड़े पबैया महल को तीखे निशाने पर लेने के फेर में हमेशा चर्चा में रहे। खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी गुना से पबैया 2014 में चुनाव लड़े ओर अंतर कम रहा था। कोई ऐसा मौका पबैया ने आज तक नहीं छोड़ा जिसमें महल के लिये तीर छोड़ना हों। आज की इस बैठक को लेकर सिंधिया ने कहा अतीत अतीत होता है, अब नया समय है। नया रिश्ता बनाने की कोशिश की है। उम्मीद है आगे हम दोनों मिलकर काम करेंगे। इधर जयभान ने कहा एक कार्यकर्ता का दुख बाटने की इस घड़ी में राजनीतिक मकसद मत तलाशिये।

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