शिवपुरी। नगर की आधी आवादी की प्यास बुझाने के साथ वन्य प्राणियों के लिये पेयजल उपलब्ध कराने वाला सिंधिया रियासतकालीन चाँद पाठा लबालब होने के करीब जा पहुंचा है। 1132 फ़ीट जलस्तर वाले इस डेम को फुल होने में 3 फ़ीट पानी की दरकार है। सन 1019 में निर्मित इस तालाब को सिंधिया शासको ने बनवाया था। 100 साल पूरे कर चुका चांद पाठा को चन्द्राकर शक्ल में बनाया गया है इसी वजह से इसे चाँद पाठा के नाम से ख्यातिप्राप्त है। इसका जल निर्धारण जल संसाधन विभाग के हाथों में है जबकि नेशनल पार्क की सीमा में होने से यहां बने लेडीज क्लब, एसी रूम की व्यवस्था पार्क प्रबन्धन के हाथों में है। पानी के किनारे बने कमरों में रात्रि विश्राम सुबह और शाम के ही नहीं बल्कि दिन भर के रोमांच को बनाये रखते हैं।
जिस तालाब को कभी सिंधिया शासकों ने बनवाया उसका नवीनीकरण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने करवाया। 7 करोड़ की लागत से यूपीए सरकार के समय जल संसाधन विभाग ने उसका बन्धान करवाया। जिससे साल भर होने वाले रिसाव पर रोक लग सकी ओर अब जलस्तर बना रहता है। हालांकि इस दौरान जो नए रेडियल गेट लगाए गए हैं वह ऑटोमेटिक होने से जल टकराते ही खुल जाते हैं। वन विभाग के कर्मचारियों के अनुसार इससे गेट खुले रह जाते हैं और उन्हें मैनुअल बन्द करवाया जाता है।

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