कपड़े के थैले को बढ़ावा देने की मुहिम का आगाज किया: न्यूट्रीशन चैंपियन सोनम शर्मा
शिवपुरी। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। वर्तमान परिपेक्ष्य में विभिन्न प्रजाति के जीव जंतु, प्राकृतिक स्रोत और वनस्पति विलुप्त हो रहे हैं। प्रकृति के प्रति जिम्मेदारियों और जवाबदेहियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है। अधिक कर देते हुए शक्तिशाली महिला संगठन समिति शिवपुरी के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि संस्था द्वारा आज 28 जुलाई से ग्राम चीटोरी खुर्द में एक तो पौधारोपण किया गया और दूसरा कपड़े के थैले के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरू किया गया जिससे कि हम प्लास्टिक के कचरे को फैलने से रोक सकें। अब आप सोचेंगे कि प्रकृति संरक्षण की दिशा में आप क्या कर सकते हैं।आप अंकुर अभियान में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के मार्गदर्शन में व्यक्तिगत रुचि लेकर इस अभियान को सफल बनाने के लिए पेड़-पौधे घरों और सार्वजनिक जगहों पर लगा सकते है दूसरा अपने घरों में पॉलिथीन के स्थान पर कपड़े का थैला प्रयोग कर सकते हैं जिससे कि हर साल पॉलीथिन से होने वाले लाखो टन कचरे को कम किया जा सके। इसके साथ उपहार स्वरूप पौधा देने की परंपरा शुरू कर सकते हैं। लोग ऐसी शुरुआत कर भी चुके हैं, जिसे बड़े पैमाने पर अपनाए जाने की जरूरत है। एवम आपके द्वारा लगाए गए हर एक पौधे को वायुदूत एप में अवश्य दर्ज करें जिससे कि पौधे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और हमारे जिला जो कि अंकुर अभियान में पहले पायदान पर है वह आगे भी पहले पायदान पर ही बना रहे। ग्राम चेटोरी खुर्द की न्यूट्रीशियन चेम्पियन सोनम शर्मा ने गांव में अमरूद, अनार एवम सहजन के पौधे लगाए एवम कहा की मनुष्य और प्रकृति का रिश्ता दिन प्रतिदिन टूटते जा रहा है। तीव्र औद्योगिक विकास ने हमारी पृथ्वी के बहुमूल्य संसाधनों को नष्ट किया है। औद्योगिक क्रांति के बाद से अब तक के इस दौर में हमने ना जाने कितने पेड़ों को काटा है। उद्योग धंधों को स्थापित करने के लिए हमने हजारों जंगलों को साफ कर दिया। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के इस मौके पर हमें इस बात पर गौर जरूर करना चाहिए कि स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और स्वस्थ मानव समाज की बुनियाद है। मनुष्य के बिना प्रकृति तो जीवित रह सकती है लेकिन बिना प्रकृति के मनुष्य क्षणिक भी जीवित नहीं रह सकता इसलिए हम आज ही जागना होगा और अपनी प्रकृति के लिए अपने पर्यावरण के लिए अपने अपने स्तर पर जो भी प्रयास हम कर सकते हैं वह पूरी शिद्दत के साथ करने होंगे। एक और नई पहल पर्यावरण बचाने के लिए प्रारंभ की गई जिसमें कि संस्था की सुपोषण सखी , न्यूट्रिशन चैंपियन पॉलिथीन के स्थान पर कपड़े के थैले का प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए मुहिम का आगाज किया । गांव की सुपोषण साथी इंग्लिश आदिवासी गुड़िया की बरसी न्यूट्रिशन चैंपियन सोनम शर्मा भारती संगीता ललिता आदि ने भाग लिया।
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