मेरे पूज्य पिता और ग्वालियर राज्य के ’अंतिम महाराजा’ श्रीमंत #जीवाजीराव_सिंधिया आज ही के दिन 1961 में हमें इस संसार में छोड़ चल बसे थे। तब मैं छोटी थी, “पिता” शब्द का ठीक से अर्थ भी नहीं समझ पाई थी। आज जब अर्थ समझा तो ’पिता’ नहीं हैं। स्मृतिशेष श्रीमंत पिता को विनम्र श्रद्धांजलि!

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें