शिवपुरी। किसी भी देश के लिए युवा उसकी रिड की हड्डी होते है| वे देश की अर्थव्यवस्था को समाले रखते है| आज के समय में हर क्षेत्र में ज्यादातर युवाओ का समर्पण है| किसी भी देश के विकास में युवाओ का अहम् रोले होता है| ये कहना था कार्यक्रम के मुख्य अथिति बीआरसीसी अंगद सिंह तोमर का जो की आज ग्राम कांकर में शक्ति शाली महिला संगठन समिति द्वारा आयोजित विश्व युवा दिवस कार्यक्रम में भाग लिए एवम फलदार पौधे महिलाओं को वितरीत किए । संस्था के समन्वयक रवि गोयल ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि ’12 अगस्त’ को प्रतिवर्ष विश्व युवा दिवस मनाया जाता है। किसी भी देश का युवा उस देश के विकास का सशक्त आधार होता है, लेकिन जब यही युवा अपने सामाजिक और राजनैतिक जिम्मेदारियों को भूलकर विलासिता के कार्यों में अपना समय नष्ट करता है, तब देश बर्बादी की ओर अग्रसर होने लगता है। पहली बार सन 2000 में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया था। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मतलब है कि सरकार युवाओं के मुद्दों और उनकी बातों पर ध्यान आकर्षित करे। सतनवाडा में पदस्थ डॉक्टर नीरज सुमन ने कहा की पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। अपने देश में 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं। अर्थात् हमारे देश में अथाह श्रमशक्ति उपलब्ध है। प्रोग्राम में सहायक उप निरीक्षक विवेक भट्ट ने कहा की आवश्यकता है आज हमारे देश की युवा शक्ति को उचित मार्ग दर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की, उनमे अच्छे संस्कार, उचित शिक्षा एवं प्रोद्यौगिक विशेषज्ञ बनाने की, उन्हें बुरी आदतों जैसे- नशा, जुआ, हिंसा इत्यादि से बचाने की। क्योंकि चरित्र निर्माण ही देश की, समाज की, उन्नति के लिए परम आवश्यक है। प्रोग्राम में संस्था के प्रमोद गोयल ने कहा की दुश्चरित्र युवा न तो अपना भला कर सकता है, न समाज का और न ही अपने देश का। देश के निर्माण के लिए, देश की उन्नति के लिए, देश को विश्व के विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा करने के लिए युवा वर्ग को ही मेधावी, श्रमशील, देश भक्त और समाज सेवा की भावना से ओत प्रोत होना होगा। आज के युवा वर्ग को अपने विद्यार्थी जीवन में अध्ययनशील, संयमी, चरित्र निर्माण के लिए आत्मानुशासन लाकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के प्रयास करने चाहिए। जिसके लिए समय का सदुपयोग आवश्यक है। विद्यालय को मस्ती की पाठशाला समझ कर समय गंवाने वाले युवा स्वयं अपने साथ अन्याय करते हैं, जिसकी भारी कीमत जीवन भर चुकानी पड़ती है। प्रोग्राम में सुपोषण सखी कुसुम मोंगिया ने कहा की बिना शिक्षा के कोई भी युवा अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने में अक्षम रहता है। चाहे उसके पास अपने पूर्वजों का बना बनाया, स्थापित कारोबार ही क्यों न हो। या वह किसी राजनयिक या प्रशासनिक अधिकारी की संतान ही क्यों न हो । प्रोग्राम में स्वाथ्य विभाग की टीम के द्वारा कांकर में 50 बच्चो महिलाओ एवम किशोरी बालिकाओ की जांच की जिनको की दाद खाज खुजली की समस्या थी उनको तुरंत दवा वितरित की । प्रोग्राम 40 परिवारों को फलदार पौधे वितरित किए एवं उनको नगर जाकर लगवाया इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वर्णकार ने ली। शक्तिशाली मारे धन-धन समिति शिवपुरी के प्रमोद गोयल, मेडीकल ऑफीसर डॉक्टर नीरज सुमन , डॉक्टर ब्रिजमोहन , आंगनबाड़ी सहायिका रामदुरई आदिवासी आशा कार्यकर्ता एएनएम सुपोषण सखी कुसुम मोगिया गुड्डी कला सरोज आदिवासी के साथ साथ सतनवाडा के पुलिस आरक्षक एवम् महिला पुरुष में किशोरियों उपस्थित थे।

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