शिवपुरी। कोरोना के बादल छटे तो करीब 2 साल बाद जन्माष्टमी पर नगर कृष्णमयी नजर आया। लोग अब भी किस कदर दहशत में यह भी साफ नजर आया क्योंकि भंडारा, प्रसादी वितरण का संदेश आमजन तक होने के बाबजूद सीमित संख्या में भक्त मंदिरों तक पहुंचे। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने की रणनीति के साथ आयोजन किये गए थे इसलिये लोग दूर दूर भी नजर आए। हालांकि मास्क की कमी खली। खैर आयोजन जन्माष्टमी का था सो नगर के अनेक मंदिरों में आयोजन हुए। जिन दो मंदिरों में भक्तों को धर्म की गंगा में डुबकी लगाते देखा गया उनमे से एक मंशापूर्ण हनुमान मंदिर और केला माता मंदिर शामिल हैं।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें