शिवपुरी। प्रकृति में कितनी विविधता, कितना कौशल छिपा है यह शिवपुरी के अमरखोआ में राजा अम्बरीष के बेचिराग
अवशेष स्थल पर बाबड़ी के ऊपर बनाये इस घोंसले को ध्यान से देखने पर समझ आता है। यहां पहुंचे जानेमाने लेखक डॉक्टर अजय खेमरिया एवम लेखक प्रमोद भार्गव की नजर इन पर पड़ी। डॉक्टर अजय कहते हैं कि क्या गजब की कारीगरी है। इसी घोंसले में चिड़िया खुद बैठती है अपने बच्चों को सहेज कर रखती है। पत्रकार प्रमोद भार्गव के अनुसार यह बया (चिड़िया) को प्रकृति की अनूठी देन है। इस तरह का कलात्मक घोंसला कोई अन्य नही बना सकता है।

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