शिवपुरी। प्रदेश और केंद्र सरकार रात दिन गरीबो को मुफ्त राशन दे रही हैं। इधर गरीब दाने दाने को मोहताज भटक रहे हैं। ऐसे में बाढ़ की त्रासदी ने हालात और खराब कर डाले। सवाल यह है कि जब सरकार 3-3 महीने का राशन दे रही है। पीएम मोदी भी खजाना खोलकर गरीबों की थाली में भोजन देखना चाहते हैं फिर वो कौन राशन माफिया हैं जो गरीबो के हक का निबाला छीन रहे हैं। इधर कोरोना की तरह फिर एक बार नगर के सक्षम जागीरदारों की तरफ जिला प्रशासन की भृकुटि तनी है नतीजे में चंदा इक्कठा किया जाने लगा है। जिससे बाढ़ पीड़ितों को राशन दिया जाएगा। सवाल यह नहीं कि यह गलत है या सही। यह भी सही कदम है और ऐसा किया जाना उचित भी है लेकिन जिले के दूरस्थ अंचल की बात तो छोड़िये नगर में ही राशन माफिया गरीबों के हक का राशन रातो रात ठिकाने लगाने में जुट गया है। कंट्रोल की दुकानों से सीधे ब्लेक मार्किट में जाता अनाज आम आदमी से कोसो दूर बना हुआ है। नगर के किसी भी वार्ड में शायद ही ठीक से लोगों को राशन मिलता हो।
विधायक रघुवंशी ने उठाया था सवाल
हमारी बात को वजन विधायक वीरेंद्र रघुवंशी की बात से मिलता है जिन्होंने कलेक्टर अक्षय को राशन ब्लेक करने वाले कंट्रोल वालों पर केस दर्ज करने और गायब राशन की रिकबरी की बात कही थी। जिसके बाद निकले आदेश के क्रम में अब तक कुछ केस दर्ज भी हुए हैं लेकिन इतने पर भी नगर में रातो रात राशन ब्लेक में ठिकाने लगाया जा रहा है।

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