!#शिवपुरी में आई बाढ़ के संकट में अगर कोई रक्षक के रूप में सामने आया तो वह थी हमारी सेना। जान पर खेलकर उन्होंने जिस तरह सैकड़ों लोगों को सैलाब से सुरक्षित बाहर निकाला उसके लिए “धन्यवाद” बहुत छोटा शब्द होगा। युद्ध हो या आंतरिक आपदा—हमारी सेना मसीहा बनकर सामने आती है। जय हिंद की सेना!

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