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विश्व स्तनपान सप्ताह का हुआ समापन

शनिवार, 7 अगस्त 2021

/ by Vipin Shukla Mama
विश्व स्तनपान सप्ताह  के समापन के अवसर पर गौशाला आंगनवाड़ी केन्द्र पर गर्भवती माताओं को मां के दूध के महत्व के बारे में समुदाय को जागरुक किया
 - महिलाओं को बताया कि मां का दूध पिलाये बच्चे को तन्दुरुस्त बनायें सुश्री निवेदिता मिश्रा पर्यवेक्षक महिला बाल विकास विभाग शिवपुरी
-स्तनपान के महत्व की फिलिप चार्ट के माध्यम से महिलाओं को किया जागरुक
शिवपुरी । विश्व स्तनपान सप्ताह पूरी दुनिया में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जा रहा हैं इसके अन्तर्गत शक्तिशाली महिला संगठन समिति की टीम ने  महिला बाल विकास  विभाग के साथ मिलकर अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जिसमें कि करीब 450 गर्भवती माताओं, 389 धात्री माताओं को एवं 560 किशोरी बालिकाओं को स्तनपान के महत्व के बारे में जागरुक किया एवं समुदाय में जागरुकता लाने के लिए एक कदम उठाया।  कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारीी देतु हुए प्रोग्राम समन्वयक रवि गोयल  ने कहा कि 7 अगस्त को संस्था द्वारा स्तनपान सप्ताह के समापन के अवसर पर बाल शिक्षा केन्द्र गौशाला में महिलाओ को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम आयोजिक किया जिसमें कि स्तनपान के महत्व एवं लोगों में फैली भ्रांतियां  को दूर करने का प्रयास किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि  सुपरवाइजर सुश्री निवेदिता मिश्रा ने कहा कि जिन परिवारों के महिला एवं पुरुषो ने महिलाओं को स्तनपान में सहयोग किया एवम एक घण्टे के अन्दर पहला पीला गाढ़ा दूध अपने बच्चे को पिलाने में सहयोग एवं प्रोत्साहित किया ऐसे जागरुक लोगो समाज में बच्चो के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छा काम किया है। उन्होने  बताया कि जो माताऐ शिशु को जन्म के पहले घण्टे में स्तनपान शुरु कर देती है उनके पास अपने शिशुओं को पहले छः माह तक सफलतापूर्वक और पूर्णतः स्तनपान कराने के व्यापक अवसर बढ़ जाते हैं । पहले छः महिनों तक पूर्णतः स्तनपान कराने से शिशु स्वस्थ्य रहता हैं और पूर्ण सक्षमता के साथ उसके विकास को सुनिश्चित करता है। संस्था के  रवि गोयल ने बताया कि बच्चे के जन्म के 1 घण्टे के  अन्दर स्तनपान कराने से शिशु और माता दोंनो का लाभ होता हैं क्योकि मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे खीस या कोलोस्ट्रम कहते हैं यह शिशु को पोषण प्रदान करता हैं इसकी कुछ बूंदे ही पर्याप्त होती हैं जो कि अमृत के समान हैं यह कोलोस्ट्रम एक सजीव द्रव हैं जो विभिन्न प्रकार की संजीव कोशिकाओं और बृद्धि घटको से भरपूर होता है जो कि शिशु को संक्रमण से बचाता हैं  एक घण्टे के अन्दर स्तनपान  शिशु को मां की त्वचा से स्पर्श सुख तथा गर्माहट देता हैं जिसकी उसे बहुत आवश्यकता होती है विशेष रुप से अपरिपक्व  या कम भार के जन्म लेने वाले शिशुओं के लिए और यह कम तापमान से मौत के जौखिम को घटाता हैं। कोलोस्ट्रम माताओं में रक्तस्त्राव से बचाव में मदद करता हैं। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , सुपोषण सखी  तथा आशा एवं कार्यकर्ताओं  ने भी समुदाय की गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को स्तनपान के महत्व  के बारें में विस्तार से बताया । इस कार्य में  सेक्टर पर्यवेक्षक सुश्री निवेदिता मिश्रा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गायत्री कुशवाह, सहायिका सीमा ओझा, आषा कार्यकर्ता अंजना लोधी एवं नीतू ओझा , सुपोषण सखी ममता रावत, गर्भवती देव कुमर, चमेली प्रजापति, आरती पाल, सावत्री, नीलम,सीता एवं धात्री महिलाओ के साथ किशोरी बालिकाओं पूनम, यीषू, मनीषा  नीलम एवं रोषनी ओझा ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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