शिवपुरी। स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव के इस अध्याय में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की कहानी सुनेंगे। 1857 क्रांति की महानायिका जो की साहस, हिम्मत और राष्ट्र प्रेम की प्रतिमूर्ति है। जो किसी भी परिचय की मोहताज नहीं और जिनकी वीरता किंचित शब्दों में व्यक्त करना असंभव है।
"मातृभूमि के लिए झांसी की रानी ने जान गवाई थी,
वक्ता: *श्री प्रमोद भार्गव*
विषय: *कहानी झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई*
दिनांक: *19th सितम्बर*, समय: *शाम 4:30*

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें