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251 फलदार पौधे रोपित कर बालिका शिक्षा की अलख जगाने वाली न्यूट्रीशन चैम्पियन को किया सम्मानित

रविवार, 5 सितंबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
शिक्षक दिवस पर आदिवासी बाहुल्य ग्राम नीमडंडा में गुरु जी की याद में पौधे लगाकर उनको याद किया-  रवि गोयल
शिवपुरी।  दुनियाभर में शिक्षक दिवस को महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि यह गुरू के सम्मान में मनाया जाने वाला दिन है, जिसे किसी फेसटिवल की तरह ही सेलिब्रेट किया जाता है। हालांकि, इंटरनेशनल टीचर्स डे 05 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाता है, जिसकी घोषणा साल 1994 को यूनेस्को ने की थी। भारत में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है, आप जानेंगे तो महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सलाम करेंगे। अधिक जानकारी देते हुए प्रोगाम समन्वयक शक्ति शाली महिला संगठन रवि गोयल ने कहा की भारत के पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी में हुआ था। उन्हीं की याद में इस तारीख को हम टीचर्स डे के रूप में सेलिब्रेट करते हैं। दरअसल, 05 सितंबर अपने जन्मदिन पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन अपने कार्यालय पहुंचे थे। वहां मौजूद उनके कुछ छात्र और दोस्त इस दिन को खास अंदाज में सेलिब्रेट करना चाहते थे। डॉ. राधाकृष्णन ने किसी तरह के तामझाम और स्पेशल करने से साफ इनकार कर दिया। लेकिन उन्होंने अपने छात्रों से कहा कि अगर वे इस दिन को खास बनाना ही चाहते हैं तो देश के शिक्षकों को लिए बनाएं। और इस तरह भारत में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। इसी कड़ी में आज आदीवासी बाहुल्य ग्राम नीमडाडा में शक्ति शाली महिला संगठन ने आदिवासी बालिकाओ में शिक्षा की अलख जगाने वाली शिक्षित बालिका किरण आदिवासी को पौधा देकर समानित किया जो की स्कूल छोड़ चुकी किशोरियो को गांव में ही हर सप्ताह पढ़ा रही है उनको पढ़ना लिखना सीखा  रही है आज सुपोषण सखी को भी पौधा देकर इस काम में सहयोग के लिए बधाई  एवम् सम्मनित किया ।सुपोषण सखी रामदेवी पूजा  आदिवासी ने कहा की  में बिल्कुल पढ़ी लिखी नही हूं लेकिन इतना जरूर पता है कि यह दिन सभी शिक्षकों के सम्मान और आभार प्रकट करने का दिन है।  इसी संदर्भ में संस्था द्वारा आज सभी शिक्षकों के सम्मान और उनके प्रति आभार प्रकट करने के लिए 251 फलदार पौधे जिनमें अमरुद,  सीताफल,  आंवला एवं सहजन के थे जोकि आदिवासी परिवारों के यहां घर घर जाकर और उनसे अपनी बालक एवम्  बालिका को जरूर  साक्षर बनाने की अपील की एवम  वायुदूत एप में अपलोड किया प्रोग्राम में शक्ति शाली महिला संगठन के राकेश राजे, साहब सिंह धाकड, सुपोषण सखी कल्ली , पूजा, रामदेवी, जानकी अनुपी आदिवासी एवम् किशोरी बालिकाओं में किरण , उषा, अन्नो, शिवानी, रवीना, रुक्मणि, पूनम , मनीषा, निशा एवम सरोज ने सक्रिय भागीदारी की।

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