तटस्थ, और तेजतर्रार शैली के लिये जानी जाती हैं डिप्टी कलेक्टर शिवांगी
शिवपुरी। नगर के सिद्धि विनायक अस्पताल को लेकर जांच चल रही है। आज लगातार दूसरे दिन टीम विभिन्न पहलुओं पर जांच करेगी। इस टीम की कैप्टन डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल हैं जो रीवा पदस्थ रही हैं और वहां भी इसी तरह के प्रकरण की जांच निष्पक्षता के साथ कर चुकी हैं। उन्हें तेज तर्रार, बारीकी से जांच में दक्षता हासिल है। साथ ही ईमानदार छवि की मालिक भी हैं ऐसे में भ्रूण से सम्बंधित जांच के मामले में निष्कर्ष की उम्मीद बढ़ गई है। इधर दूसरी तरफ जो वीडियो वायरल हुआ है उसे ध्यान से देखा और सुना जाए तो नर्स बनाम डॉक्टर के साथ स्टिंग के लिये आई महिला के अलावा एक ओर महिला उसी स्टिंग रूम में मौजूद होने और बाद में बाहर जाते नजर आ रही है। जिससे यह बात साफ है कि केवल आरएमओ खान की बीबी ही नहीं बल्कि कुछ अन्य स्टाफ भी इसमें शामिल है। इधर रिकॉर्ड बातचीत में भ्रूण ठिकाने लगाने स्विपर से अलग लेनदेन करने की बात सुनी जा सकती है तो साफ है कि अस्पताल का वह स्वीपर कोंन है ? इसके साथ यह बात भी काबिले गोर है कि जब अस्पताल के पास गर्भ अधिनियम के तहत पंजीयन नहीं है तो नर्स कैसे इसी सम्बन्ध में बातचीत कर रही थी। क्या अस्पताल प्रबंधन के मुखिया को अंधेरे में रखकर यह सारा खेल खेला जा रहा था ? ये सारे जवाब एक ही महिला के पास है जो कल तक टीम के सामने हाजिर नहीं हुई और आज उम्मीद की जा रही है।
दलाल भी सक्रिय !
इस मामले में बड़े रैकेट के शामिल होने का भी सन्देह है क्योंकि जिस बेखोफ अंदाज में अस्पताल की नर्स ने डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर निसंकोच बात की तो जाहिर है कि दलाल के ग्रीन सिग्नल पर ही स्टिंग वाली महिला पुरुष के साथ अस्पताल तक जा पहुंची। शायद इसलिए नर्स को किसी बात का डर तक नहीं रहा ओर उसने बेधड़क बातचीत की। आखिर वे दलाल कोंन से हैं ?
जब पंजीयन नही तो नियम की उड़ाई नर्स ने धज्जियां
अस्पताल के पास गर्भ अधिनियम का पंजीयन नहीं है ऐसे में नियम को तार तार नर्स ने किया। जिसने खुद को डॉक्टर बताते हुए एप्रिन पहना ओर डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर बातचीत की। जबकि यह अधिकार इस अधिनियम में सिर्फ डॉक्टर को है नर्स को नहीं। सिद्धि विनायक पर नर्सिंग का पंजीयन है। गर्भ अधिनियम का नहीं।
वह महिला पुरुष कोंन, उनकी भी तलाश
जिन्होंने स्टिंग किया वह महिला व पुरुष भी जांच के बिंदु हैं। उनके बयान पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा कि वह सिर्फ स्टिंग कर के ही निकल लिए या फिर जिस सम्बन्ध में बात की वह काम भी करवाया। हालांकि इस बात की उम्मीद इसलिय कम है कि 18 को वीडियो बनाने और 20 से रुपये मांगे जाने की बात अस्पताल प्रबंधन कह रहा है। इधर अस्पताल प्रबन्धन ने पुलिस को दो स्थानीय लोगों के नाम सहित आवेदन दे दिया है।
बढ़ती दिखाई दे रही परेशानी
उक्त मामले में नर्स सहित शामिल सूत्रधारों की परेशानी बढती दिखाई दे रही है। कानून की दृष्टि से रिकॉर्ड बातचीत के तहत नर्स का बचना मुश्किल दिखाई दे रहा है।

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