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भगवान कृष्ण रुक्मणी विवाह प्रसंग में जमकर नृत्य किया श्रद्धालुओ ने

बुधवार, 8 सितंबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
ग्राम रायश्री में भागवत कथा प्रसंग जारी
भगवत आचार्य अवधेश मिश्रा के मुखारविंद से बह रही भागवत गंगा
- 9 सितंबर को बद्रीनाथ से महात्मा अम्बालिका बाई सहित कई संत भागवत कथा में पधारेंगे
शिवपुरी। शिवपुरी के ग्राम रायश्री में इन दिनों श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा का आनंद जारी है। श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ 3 सितंबर को हुआ था और 10 सितंबर को कथा का अंतिम दिन रहेगा, जिसमें पूर्णाहुति गुरु दीक्षा एवं सत्संग का कार्यक्रम रखा गया है इसके अलावा भक्तों  को भंडारा कराया जाएगा। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का वाचन ललितपुर से पधारे भागवताचार्य अवधेश मिश्रा के मुखारविंद से किया जा रहा है रोजाना 1 बजे से कथा प्रारंभ होकर 5बजे तक चल रही है गांव के ही निवासी श्यामलाल कुशवाह रामवती कुशवाह मुख्य जजमान है, जो श्रीमद् भागवत कथा की व्यवस्था देख रहे हैं बीते रोज जहां पर श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह का सुंदर प्रसंग भगवत आचार्य श्री अवधेश मिश्रा जी के द्वारा प्रस्तुत किया गया बहारों फूल बरसाओ मेरे श्याम आए हैं भजन पर भक्तों एवं श्रद्धालु जमकर थिरके, श्री भागवत कथा पर प्रकाश डालते हुए भागवताचार्य अवधेश मिश्रा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण और भगवान के नाम में अंतर है भगवान कृष्ण जिस शरीर का नाम कृष्ण था और उनके अंदर जो आत्मा थी उसको जानना है इसीलिए भगवान कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन जो मेरा बाहर का स्वरूप है उस स्वरूप को तू देख रहा है लेकिन वास्तविक स्वरूप मेरे अंदर के स्वरूप को जान मेरे अंदर मूल स्वरूप को जानने के लिए इन नेत्रों से नहीं देख सकता है नेत्रों से तू बाहर के शरीर को देख सकता है  लेकिन जो शरीर सनातन है जो हर भूत प्राणियों में स्थित है अगर उसको जानना चाहता है मैं तुझे उसे दिव्य नेत्र देता हूं क्योंकि बिना दिव्य नेत्र के मैं जो परमात्मा हर जगह हर प्राणियों में व्याप्त हूं उसको नहीं देख सकता है इसलिए तुझे संतों की आवश्यकता पड़ेगी तुझे तो यह ज्ञान में दे रहा हूं लेकिन जब भी संसार के लोग इस ज्ञान को चाहेंगे मुझे देखना चाहेंगे तो उनको संतों के पास जाना पड़ेगा 
तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया । उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्वदर्शिनः अर्थात अर्जुन इस विधि से जो जो जो वह सत्य को जानता है जो मेरे वास्तविक स्वरूप को जानता है वह तत्वदर्शी संत के पास जा जो प्राणों के स्वरूप को दिखाने वाला है उसके पास जब जा तो उसको प्रणाम कर उसके चरणों में नमन कर उससे उस ज्ञान के बारे में जान जिससे मैं प्रकाश स्वरूप परमात्मा जो तेरे अंदर हूं। 
सतपाल जी महाराज की परम शिष्य महात्मा अंबालिका वाई आज देंगी प्रवचन
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार 9 सितंबर को सुबह बद्रीनाथ से सतपाल जी महाराज की परम शिष्या कल्पना वाई अंबालिका वाई, महात्मा धर्मावती पहुंचेंगे दोपहर के समय इनके द्वारा सत्संग के माध्यम से लोगों को प्रवचन दिए जाएंगे और इससे पहले यहां पर ज्ञान दीक्षा का कार्यक्रम भी रखा गया है। भगवत आचार्य जी ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि मैं अधिक से अधिक संख्या में आकर श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन का आनंद उठावे।

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