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धमाका: 'सहकारी बैंक ही नहीं' 'सहकारी साख समितियो में भी महाघोटाला', 'पैक्स घोटाला', 'करोड़पति हुए सेल्समैन'

रविवार, 19 सितंबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
बैंक फर्जीवाड़े  के साथ बड़ा पैक्स घोटाला 
- सेल्समैन बने करोड़ों के स्वामी, जिले में कई जगह बेड़ा गर्क
- संस्थाओं का करोड़ों रुपए का फर्जी समायोजन अटका 
- लाखों के गबन में पैक्स संस्थाओं पर लटकी तलवार
- सीसीबी मुख्य शाखा से लेकर आला अधिकारियों तक जांच की आंच
शिवपुरी। शिवपुरी जिले में सामने आए 150 करोड़ से अधिक के सहकारी बैंक घोटाले के साथ ही अब यहां की सहकारी साख समितियां भी जांच के घेरे में हैं।
 यहां जिला बैंक की सभी शाखाओं से जुड़ी करीब 176 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का संचालन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा किया जा रहा है। स्थिति यह है यहां मनमाने ढंग से सेल्स मेन और तुलावटियों की तैनाती कर दी गई है और विक्रताओं एवं सह विक्रेताओं पीडीएस में प्रदाय खाद्यान्न केरोसिन की लाखों की बकाया वसूली तक नहीं की गई है। नागरिक आपूर्ति निगम को ही यहां करीब 2 करोड़ का भुगतान किया जाना है। यहां मात्र 14 हजार वेतन पाने वाले सहकारी साख समितियों के कर्ताधर्ता करोड़ों के आसामी बन बैठे हैं। 
ये गड़बडिय़ों में आकंठ डूबे हैं
जिले में अधिकांश पैक्स संस्थाओं की स्थिति यह है कि नियम विरुद्ध बिना किसी स्वीकृत लिमिट के इन्होंने अधिक आहरण किया है। बैंक की सदस्य पैक्स संस्थाओं में कृषि आदान प्रदाय हेतु जारी रिलीज ऑर्डर पर तत्काल संस्थाओं से ब्याज वसूला जाता है। जबकि मार्कफेड कार्यालय शिवपुरी को जारी रिलीज आर्डर के विरुद्ध करोड़ों के भुगतान बैंक द्वारा नहीं किए जाना संदेहास्पद है। 
केन्द्रीय सहकारी बैंक की शाखा बैराड़ एवं पोहरी, पिछोर करैरा में भी बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बडिय़ां सामने आई हैं।
 पोहरी क्षेत्र की संस्था दुल्हारा में ही 45 लाख से अधिक का फर्जी खाद कैश क्रेडिट का समायोजन सितंबर 2019 को फर्जी आईडी से किया जाना तथा 34 लाख  से अधिक का विक्तीय समायोजन जो एचवाड़ा में हुआ है वह भी जांच की जद में है, जिसमें परमिट, कृषकों की सूची, खातों से लेकर वाउचर तक अटैच नहीं है। बैंक के सैंडर्स खाता क्रमांक 93635000 622 से एनईएफटी के माध्यम से शाखा प्रभारी एजेंट द्वारा अपने पुत्र के एसबीआई खाते में राशि डाल कर रकम का गबन भी जांच की जद में आ गया है। 
पैक्स संस्था ककरौआ और बूढ़दा में भी गड़बडिय़ां और फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की समस्त शाखाओं से लिंक प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा 180 शासकीय राशन की दुकानों का संचालन भी जांच की जद में है ,जहां मनमाने ढंग से विक्रेताओं एवं सह विक्रेताओं की नियुक्तियां कर डाली गई हैं, जिनके माध्यम से जबर्दस्त आर्थिक अनियमितताओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। करेरा के करई सहित अन्य संस्थाओं में इस समय वित्तीय अनियमितताएं चरम पर हैं।  यहां एक पैक्स संस्था में ही लगभग दो करोड़ की खाद बीज की राशि का समायोजन ना होना भी जांच की जद में आ गया है। 
जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित शिवपुरी में भी अब बड़ी गड़बडिय़ों ने पैर पसार लिए हैं यहां पदस्थ सीईओ की भूमिका को इन गड़बडियों के केन्द्र में संदेह से परे नहीं माना जा सकता। 
एक उदाहरण देखिए यहां सरकारी विभाग के एक करंट एकाउण्ट को सेविंग में तब्दील कर उसे ब्याज का भुगतान किया जा रहा है यह स्थिति आदिम जाति कल्याण विभाग के खाते की बताई जा रही है। 
कोलारस शाखा में सामने आए गबन में जिला बैंक कार्यालय की लेखा शाखा की भूमिका भी अब जांच कार्यवाही की जद में आ गई है यहां शाखा में पर्याप्त सिलक होने के बावजूद स्थानीय वाणिज्यिक बैंक में शाखा के सीए, एसए में बैलैंस के बावजूद  जिले से भारी भरकम राशि लेकर गबन को प्रश्रय दिया। 
अपात्रों से फायनेंशियल कार्य लेने पर शासन और आयुक्त सहकारिता ने रोक लगा रखी है बावजूद यहां चपरासियों से कैश का काम कराया जाने के चलते हुए करोड़ों के घोटाले मेंं अब सीईओ की भूमिका भी बराबर के सहभागी की नजर आ रही है। जिला बैंक द्वारा डीएमआर खातों में नियमानुसार वसूली न डलवाकर नए खाते खुलवा कर संस्थाओं को क्षति पहुंचाई जा रही है। 
डीएमआर खातों की वसूली एनपीए खातों में पहुंचाई जा रही है
 शिवपुरी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में वर्तमान में लेखा विभाग देख रहे तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल रुप से निलंबित कर दिया गया है और जांच रिपोर्ट मैं वर्तमान जिला प्रबंधक सहित पूर्व प्रबंधकों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई हेतु लिखा गया है मंगर सवाल अभी भी यही है पाराशर के साथ करोड़ों रुपए का घोटाला करने करने  वाले जिले  के जिम्मेदार करोड़ों रुपए की संपत्ति बनाने वाले जांच में दोषी उक्त लोगों के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज कर तत्काल इनकी संपत्ति राजसात करने की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही।
यह कहा  तोमर ने
संपूर्ण मामले की जांच रिपोर्ट प्राप्त करने हेतु संबंधित जगहों पर आवेदन दे दिए गए हैं जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही माननीय न्यायालय की शरण में जाकर लोकायुक्त से जांच करवाने की कार्यवाही की जावेगी।
अरविंद सिंह तोमर

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