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धमाका : 'लाडो में फिस्सडी शिवपुरी में फिर उठीं भ्रूण हत्या की लपटें', निजी अस्पताल में गर्भ गिराने के लेन देन का वीडियो वायरल

शुक्रवार, 3 सितंबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
पहले भी 2 अस्पताल पर हुई थी कार्रवाई
शिवपुरी। प्रदेश में आदिवासी बाहुल्य लाडो में पीछे शिवपुरी को लड़कों की बराबरी पर लाने के कई बार प्रयास होते रहे हैं। लड़कों से कम लड़कियां होने को लेकर शिवपुरी राष्ट्रीय स्तर तक पहचान रखता आया है।
लेकिन इस बीच तब खासी हलचल मचती रही है जब नगर में भ्रूण हत्या की बातें सामने आईं। आज फिर एक वायरल वीडियो से शिवपुरी सुर्खियों में है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो नगर के ख्यातिनाम सिद्धि विनायक अस्पताल का है लेकिन अस्पताल प्रबंधन के सिरमौर डाक्टर सुनील तौमर ने इस बात से साफ इंकार किया है। उनका कहना है कि उनके अस्पताल से इस वीडियो का कोई संबंध नहीं है। वे नगर को बेहतर सेवा देने प्रतासरत हैं यह कृत्य निंदनीय है हम सोच भी नहीं सकते। वीडियो में जो महिला डॉक्टर बातचीत करती दिखाई दे रही है और दावा है की वह उसी अस्पताल के एक डॉक्टर की पत्नी हैं उसे लेकर भी डॉक्टर तोमर ने कहा कि उक्त महिला डॉंक्टर का हमारे अस्पताल से कोई लेना देना नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर वीडियो कहाँ का है और किस महिला ने उक्त सम्बन्ध में डॉक्टर महिला से बातचीत की ? और बातचीत हुई तो पुलिस में उसने अब तक डॉक्टर और सम्बंधित अस्पताल के विरुद्ध केस दर्ज क्यों नहीं करवाया ? अब इस मामले में जिला कलेक्टर अक्षय सिंह को पूरे मामले पर संज्ञान लेना होगा। वीडियो की पुष्टि कर जांच करवानी होगी क्योंकि यह शिवपुरी की इज्जत का सवाल है। जहां लाडो के कत्ल किये जाने का सौदा वायरल वीडियो में होने का दावा किया गया है। 
क्या है वीडियो में 
वायरल वीडियो में भ्रूण परीक्षण और भ्रूण गिराने को लेकर लेनदेन की बातचीत हो रही है। भ्रूण डिस्पोजल करने सफाई कर्मचारियों से सीधे डील करने की बातचीत सुनाई दे रही है। उक्त वायरल वीडियो शिवपुरी के एक निजी प्रतिष्टित सिद्धि विनायक अस्पताल का बताया जा रहा है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के इनकार के बाद हम भी इस वायरल वीडियो की उस अस्पताल से सम्बंधित होने की पुष्टि नहीं करते लेकिन पूरे मामले में जांच की दरकार है।
बात गम्भीर, 2 साल से नहीं हुई बैठक
जिले में पीसीपीएनडीटी सलाहकार समिति की दो साल से बैठक नहीं हुई है। जिसमें इस गम्भीर विषय पर चेतावनी जारी की जाती है। 
अगर यह हो रहा तो दोषियों पर क्या होगी कार्रवाई, हमने जाना एडवोकेट संजीव बिलगइयां से। 
उन्होंने कहा कि गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध)अधिनियम, 1994 के अधीन प्रत्येक अपराध संज्ञेय, अजमानतीय और अशमनीय होगा। 
Sanjeev Bilgaiyan अधिवक्ता & सदस्य पी सी पी एन डी टी सलाहाकार समिति, शिवपुरी
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यह कहता है कानून
गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व लिंग निर्धारण से संबंधित विज्ञापन का प्रतिशेध तथा उल्लंघन होने पर दंड 
1- कोई भी व्यक्ति को माल संगठन कोमा अनुवांशिक परामर्श केंद्र कोमा आनुवंशिक प्रयोगशाला या आनुवंशिक क्लीनिक, जिसमें क्लीनिक प्रयोगशाला या केंद्र जिसके पास अल्ट्रासाउंड मशीन, इमेजेस मशीन या स्केनर या कोई ऐसी तकनीक जो गर्भस्थ शिशु का लिंग निर्धारण या लिंग चयन करने में समर्थ प्रसूति एवं पूर्व लिंग निर्धारण का गर्भधारण पूर्व लिंग चयन संबंधी सुविधाएं ऐसे केंद्र, प्रयोगशाला, क्लीनिक या कोई अन्य स्थान पर उपलब्ध है, कोई भी विज्ञापन किसी भी रूप में है जिसमें इंटरनेट भी सम्मिलित है, ना तो जारी, प्रकाशित, वितरित, प्रसारित करेगा और ना ही जारी प्रकाशित, वितरित या प्रसारित करने का यत्न करेगा।
 2- कोई भी व्यक्ति या संगठन जिसमें अनुवांशिक क्लीनिक भी सम्मिलित है प्रसूति पूर्व लिंग निर्धारण या गर्भधारण पूर्व लिंग चयन, किसी  प्रकार, वैज्ञानिक या अन्य प्रकार से हो उसे संबंधित विज्ञापन किसी भी प्रकार से ना तो जारी, प्रकाशित, वितरित, प्रसारित कर सकेगा और ना ही जारी, प्रकाशित वितरित या प्रसारित करने का यत्न करेगा।
 गर्भधारण पूर्व प्रसूति पूर्व निदान तकनीक 
3- कोई भी व्यक्ति जो  उपधारा (1) या उप धारा (2) के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा उसे कारावास से जिसकी अवधि 3 वर्ष तक हो सकती है तथा जुर्माने से जो 10,000 तक हो सकता है दंडनीय होगा।

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