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देखिये, 'सिद्धि विनायक अस्पताल में खड़े इन दोनों ने की थी डील', 'इधर जांच कमेटी से आलोक इन्दोरिया व एडवोकेट संजीव बाहर'

रविवार, 5 सितंबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। भ्रूण हत्या डील के वायरल वीडियो को लेकर नित नए एंगिल सामने आ रहे हैं। आज एक महिला पुरुष का फोटो सामने आ गया जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यही दोनों सिद्धि विनायक अस्पताल गए थे और भ्रूण को लेकर डील की थी।
इतना ही नही इन दोनों के कुछ लोगों से मिले होने और अस्पताल को ब्लैकमेल करने का मामला भी सामने आया है। कहा जा रहा है कि एक आवेदन सिद्धि विनायक अस्पताल की तरफ से पुलिस को 22 अगस्त को दिया गया जिसमें अस्पताल प्रबंधन को ब्लैकमेल करने वालों पर कार्रवाई की बात लिखी थी लेकिन इसे लेकर टीआई बादाम सिंह यादव ने कोई भी आवेदन न मिलने की बात कही। उन्होंने कहा की हमें कोई आवेदन नहीं दिया गया। हालांकि टीआई यादव की बात इसलिये भी सही है कि जब यह वीडियो वायरल हुआ तब भी अस्पताल प्रबन्धन ने मीडिया के समक्ष यह नहीं कहा कि मामला उन्ही से जुड़ा हुआ है, बल्कि इंकार किया कि इस वीडियो से उनका और अस्पताल से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन अब पूर्व में आवेदन देने की बात सामने आई है जिसमें सच्चाई सामने आनी  बाकी है। सच बात जो भी हो वह बाद कि बात है लेकिन सिद्धि विनायक के आरएमओ की पत्नी ने यह डील की यह नजर आ रहा है। 
कौंन हैं यह दोनों राजस्थान कनेक्शन तो नहीं ?
महिला पुरुष का आज जो फ़ोटो सामने आया है वह आपस मे कोंन हैं यह जांच का विषय है। वह पति पत्नी ही थे कहना जल्दबाजी होगी। वहीं राजस्थान से तो इस मामले का लेना देना तो नहीं क्योंकि राजस्थान में एक गिरोह इसी तरह अस्पताल को निशाने पर लेता रहा है। उसमें महिला पुरुष शामिल हैं। 
सदस्य इंदौरिया और संजीव बाहर
बता दें कि पीएनडीटी समिति के दो सदस्यों को जांच कमेटी में शामिल नहीं किया गया। उन्हें बाहर कर दिया गया है। एडीएम उमेश शुक्ला ने कहा कि सरकारी अमले के लोग ही जांच करेंगे। निजी लोग जांच को प्रभावित कर सकते थे। 
हालांकि कानून की दृष्टि से इंदौरिया और संजीब दोनो ही जानकार हैं। इंदौरिया मानव अधिकार आयोग में रहे हैं जबकि संजीब बिलगइयां माहिर एडवोकेट तो हैं ही बल्कि पीएनडीटी समिति के सदस्य हैं और कानून की खासी जानकारी भी है। जहां तक जांच पर आंच का सवाल है दोनो की शैली पर अब तक कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगा। 
जयपाल जाट ने की शिकायत
दूसरी ओर इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पवन जैन ने पीसीपीएनडीटी की जो टीम गठित की है, उसमें डॉक्टर संजय ऋषिस्वर, डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल, डॉक्टर एमएल अग्रवाल, डॉक्टर नीरजा शर्मा शामिल हैं। जो इस वायरल वीडियो की जांच करेगी। कमेटी तीन दिन में अपना जांच प्रतिवेदन सौपेंगी।
क्या है मामला
बीते शुक्रवार को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक महिला निजी अस्पताल में नर्स के साथ कन्या भ्रूण गिराने की बात करती नजर आ रही है। नर्स कह रही है कि 17 हजार में आपका काम हो जाएगा। बिना किसी को कानों-कान खबर हुए बगैर गुपचुप यहीं कर दूंगी। जो भ्रूण निकाला जाएगा उसकी सफाई और जमीन में दफन स्वीपर करेगा आपको इसके अलग से पैसे देने पड़ेंगे। साथ ही एक शपथ पत्र भी भरना होगा। 
जो भी सही लाडो के हत्यारों को बख्शे नहीं
नगर के जागरूक लोगों का कहना है कि जिले में लिंगानुपात का अंतर किसी से छुपा नहीं है। लाडो पहले ही लड़कों से कम हैं उस पर यदि कोई इस तरह का घिनोना काम करे तो उसे सजा मिलनी ही चाहिये। इस मामले में स्टिंग के तत्काल बाद खुलासा न होकर डीलिंग की चेस्टा करने वाले भी बे नकाब होने चाहिये। आखिर वे भी उतने ही गुनहगार हैं जितने कत्ल करने वाले। नगर के लोगों ने कहा कि इतने दिन में सबूतों को मिटाने की कोशिश भी हुई होगी इसलिए सूक्ष्म जांच की दरकार है। लोगों को डर है कि कहीं रसूखदार लोग इस मामले पर पर्दा न ड़लवा लें!

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