शिवपुरी। बहुचर्चित भ्रूण कांड में घिरे सिद्धि विनायक अस्पताल पर भले ही जिला प्रशासन ने पंजीयन रद्द कर ताले डाल लिये लेकिन यह कदम काफी नहीं है क्योंकि जांच पर सीधे सीधे आंच नजर आ रही है। वह इसलिये की जिस बात को लेकर बवाल मचा वह भ्रूण को लेकर किसी महिला पुरुष के स्टिंग वायरल वीडियो को लेकर मचा है, जबकि अब तक हुई स्वास्थ्य महकमे और पुलिस की जांच के राडार पर वह महिला नहीं आ सकी है जिसने पूनम से बात की थी और वीडियो बनाया था। उस महिला के साथ पुरुष भी था वह कोंन था यह भी अब तक पता करने की कोशिश नहीं की गई। इतना ही नहीं उक्त स्टिंग के बाद अस्पताल प्रबंधन के बयान अनुसार उनसे 4 लाख की मांग की जा रही थी वह रुपये किसने मांगे कोंन वह लोग हैं जो इस स्टिंग को मीडिया में सार्वजनिक करने की बजाए दाल पकाने की कोशिश में थे उन सभी बिंदुओं की जांच अभी तक न तो तय जांच कमेटी ने ही कि ओर न ही पुलिस ने कदम बढ़ाया। जबकि अस्पताल प्रबंधन ने 22 अगस्त को ब्लैकमेल का पत्र सार्वजिनक किया था और जिस पर कोतवाली की सील थी। इस पत्र की सच्चाई के लिये भी जांच की दरकार है। यदि ऐसा न हुआ तो साफ है कि जांच की पूरी कवायद बेकार हो सकती है। क्योंकि अगर ब्लेकमेलिंग के इरादे से स्टिंग हुआ तब भी ओर ईमानदारी से स्टिंग किया तब भी वह महिला और पुरुष दोनों का सामने आना जरूरी है। यहाँ तक कि अस्पताल प्रबंधन पर स्टिंग के बदले रुपये मांगे जाने के सबूत हो सकते हैं उन्हें जांच में लेकर पड़ताल की जा सकती है। आज कोर्ट पेश होगी केयर टेकर
इधर पुलिस ने नई आरोपी सुनीता शाक्य केयर टेकर को रिमांड पर लिया था। आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस को सुनीता से कोई दूर की कोड़ी मिली या नहीं यह सामने आना बाकी है।

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