भारतीय मजदूर संघ ने मनाई विश्वकर्मा जयंती
शिवपुरी। भगवान विश्वकर्मा ने श्रष्टि की रचना की। यहां की मिट्टी, एक एक कण आराध्य व पूजनीय है। देश में अनुकूलता समझ आ रही है लेकिन प्रतिकूलता भी देखने में आ रही है। कई संगठन विभाजन का काम कर रहे है। कोई भी संगठन त्याग, तपस्या, बलिदान, मन, क्रम, वचन, तन, मन, धन इन 9 आयामों से एकत्रित होता है। उक्त बात भारतीय मजदूर संघ द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर में भगवान विश्वकर्मा जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि बतौर कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक प्रह्लाद भारती, मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह राजेश भार्गव, विशिष्ट अतिथि पुरुषोत्तम गौतम, बीएमएस के विभाग प्रमुख अजमेर सिंह यादव, जिलाध्यक्ष के एस माथुर, सचिव प्रकाश चन्द गुप्ता व पूर्व विभाग प्रमुख रमेश चंद्र शिवहरे मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन रामहेत शर्मा ने किया जबकि आभार पीसी गुप्ता ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित कर किया। ततपश्चात राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप शर्मा ने संघ का गीत सुनाया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राजेश भार्गव ने कहा कि महापुरुषों की जयंती हमारे जीवन में नई प्रेरणा देते है। भगवान विश्वकर्मा कर्म के देवता है। अध्यक्षता कर रहे प्रह्लाद भारती ने कहा कि दन्नतोपंत ठेंगड़ी द्वारा बनाया गया संगठन संख्यात्मक एव गुणात्मक रूप से विश्व का सबसे बढ़ा संगठन है। बीएमएस अधिकारों के साथ साथ देश, समाज व राष्ट्र की बात करता है ।
ब्रह्म के मानस पुत्र थे विश्वकर्मा : गौतम
विशिष्ट अतिथि पुरुषोत्तम गौतम ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा के मानस पुत्र थे। उन्होंने श्रष्टि की अधोसंरचना की । इस बात की कथा स्कन्दपुराण में है कि उन्होने हिमालय पर्वत भी बनाया। त्रिकुट पर्वत पर भगवान शिव के कहने पर सोने का महल बनाया जिसकी पूजा रावण ने कराई और बाद में रावण ने दक्षिणा में भगवान भोलेनाथ से यही महल मांग किया जिसे उन्होंने रावण को दान कर दिया। जो बाद में सोने की लंका कहलाई । वे शिल्प के देवता थे उन्होंने पुष्पक विमान भी बनाया।
यह रहे उपस्थित
भारतीय मजदूर संघ द्वारा विश्वकर्मा जयंती पर जिला मीडिया प्रभारी मुकेश आचार्य, अनुज गुप्ता, गजेंद्र यादव, योगेश मिश्रा, मधु गोयल, केएन श्रीवास्तव, एस आर अग्रवाल, केशव सिंह राजपूत, भजन सिंह, यशपाल जाट, भीम सिंह जादोन, बनवारी लाल धाकरे, दिवाकर चितले, प्रेम श्रीवास्तव, केएस महादुले, सतीश श्रीवास्तव, नरहरि प्रसाद सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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