शिवपुरी। जिले में कोरोना के बाद डेंगू ने भी असर दिखाया है हालांकि डेंगू का डंक बीते 10 महीने में महज 18 को ही लगा। यह दावा हमारा नहीं बल्कि स्वास्थ्य महकमे का है। संतोषप्रद बात यहीं तक नहीं है बल्कि 18 में से 16 मरीज स्वस्थ्य भी हो गए हैं। इन मरीजों में नगर के लोग अग्रणी रहे।
स्वास्थ्य विभाग ने बनाया डेगू वार्ड
शिवपुरी जिले में जनवरी से अक्टूबर तक 10 महिने में मात्र 18 मरीज मिले जिनमें से 16 उपचार के उपरांत स्वस्थ्य हो चुके हैं और 2 का अभी उपचार जारी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेगू पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जहां जिला चिकित्सालय शिवपुरी में डेगू वार्ड बनाया है, वहीं जिले में मच्छर नाशक दवा का छिडकाव व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों से आसपास गंदा पानी जमा न होने देने, छतों आदि पर कच्चे बर्तनों में पानी जमा न होने देने, टंकी-हौद आदि का पानी नियमित बदलने की अपील की है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन जैन ने बताया कि शिवपुरी जिले में तीन वर्ष पूर्व डेगू का खासा प्रकोप देखा गया था। तब से ही स्वास्थ्य विभाग इस पर सर्तकता के साथ कार्य कर रहा है। इस वर्ष भी बारिश का मौसम प्रारंभ होने से पूर्व ही डेगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि मच्छर जनित रोगों पर नियंत्रण करने के लिए कार्य योजना बनाकर उस पर रणनीतिक रूप से कार्य किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप लगभग 10 माह में 18 मरीज ही डेगू के निकले। इन सभी रोगियों का उपचार किया गया। वर्तमान में दो रोगी डेगू से ग्रसित है, जिसमें से एक रोगी का उपचार जिला चिकित्सालय शिवपुरी में तथा दूसरे रोगी का उपचार जेएच मेडीकल कालेज ग्वालियर में चल रहा है। दोनों की हालत सामान्य है।
डॉ. पवन जैन ने बताया कि शिवपुरी जिले में जनवरी से 3 अक्टूबर तक सर्वाधिक डेगू रोगी शिवपुरी शहर में पाए गए हैं। इसके बाद बदरवास, नरवर, सतनवाडा, करैरा, पिछोर में क्रमशः 4, 3, 2, 1, 1 रोगी मिले है। यदि गांव और क्षैत्र के अनुसार समीक्षा की जावे तो जिले के शिवपुरी शहर के आईटीवीपी कैम्पस, पुरानी शिवपुरी, झांसी तिराहा, कमलागंज में डेगू रोगी मिले तो ग्रामीण क्षैत्र के कांकर, सुरवाया, करैरा, इंदार, घन्घेरा, रेझाघाट, बारई, दिलायला , मगरौनी , पनिहार, पिछोर में डेगू रोगी मिले।
प्रभावित क्षैत्रों में हो रहा स्प्रे और प्रतिबंधात्मक कार्यवाही
डॉ. पवन जैन ने बताया कि डेगू पर नियंत्रण के लिए प्रभावित क्षैत्रों के गली मोहल्लों में जमा गंदगी पर मच्छर नाशक दवा का छिडकाव करने के अलावा टंकियों, होदियों में भी भरे जल की जांच कर उचित प्रबंधन किया जा रहा है। इसके लिए जिले में तीन दलों का गठन किया गया है। जो गहनता से मच्छर जनित रोगों पर नजर बनाए हुए हैं।

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