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जिले के बामोरकला, बैराड़ सहित पोहरी में खाद माफिया पर चला कलेक्टर अक्षय का डंडा, 3 पर केस दर्ज

शनिवार, 23 अक्टूबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
अन्नदाता के चेहरे खिले, ब्लेक में खाद खरीदने पर मजबूर थे किसान
शिवपुरी। जिले भर में शनिवार को एक साथ कलेक्टर अक्षय सिंह के निर्देश पर छापामार कार्रवाई अंजाम दी गई। दोपहर को नगर में एसडीएम गणेश जायसवाल की टीम मैदान में उतरी तो हड़कम्प मच गया और दो दुकानों को सील कर दिया गया जबकि पिछोर के बामोरकला में एसडीएम जेपी गुप्ता की टीम ने 3 दुकानों को सील कर डाला। 
पिछोर में खाद विक्रेताओं के विरुद्ध दर्ज हुई एफआईआर
शिवपुरी कलेक्टर अक्षय सिंह के निर्देशानुसार खाद की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। खनियाधाना विकासखंड में एसडीएम जे.पी.गुप्ता ने विक्रेताओं के विरुद्ध कार्यवाही की है। बामोरकला क्षेत्र में 3 विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।
एसडीएम जेपी.गुप्ता ने बताया कि उर्वरक की उपलब्धता एवं वितरण आदि पर निगरानी के लिए खाद की दुकानों का निरीक्षण किया गया और विक्रेताओं से जानकारी ली गई। बामोरकला में कार्यवाही के दौरान तीन ट्रैक्टर खाद ले जाते हुए मौके पर पकड़े गए। यह उर्वरक शिवपुरी से अशोकनगर जिले में ले जाया जा रहा था। जब किसानों से पूछताछ की गई और जानकारी ली गई तब विक्रेताओं द्वारा खाद की कालाबाजारी और अधिक मूल्य पर बेचने की जानकारी मिली। इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल संबंधित विक्रेताओं पर कार्यवाही की गई है। 
पिछोर एसडीएम श्री गुप्ता ने बताया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत मैसर्स श्री किसान सेवा केंद्र प्रो सुनील गुप्ता, मैसर्स अनुराग ट्रेडर्स प्रो अनुराग गुप्ता, मैसर्स अलका एजेंसी प्रो अजय गुप्ता पर प्रकरण दर्ज किया गया है।
बैराड़ में भी गोलमाल
बैराड़ नगर की प्राइवेट खाद दुकान श्रीराम खाद ट्रेडिंग कंपनी के गोदाम में 200 बोरी डीएपी खाद भरा हुआ मिला जिस को मौके पर राजस्व विभाग के पटवारी एवं आर आई तथा कृषि विभाग के raeo की उपस्थिति में खाद समक्ष में वितरित करवाया गया।
जिले भर में सैकड़ों गोदाम में भरी पड़ी खाद पर किसानों को लाले
जिले भर में शाशन अधिकृत दुकानों के गोदाम ही नहीं बल्कि निजी दुकानदार भी करोड़ों की खाद गोदाम में डंप किये बैठे हैं। मनमाने दाम पर किसानों की जेब खाली करने वाले सरकारी विक्रेता आज भले ही कलेक्टर अक्षय की चतुष्कोणीय पारी में निपट गए लेकिन निजी गोदामों की आकस्मिक जांच भी आबश्यक है। क्योंकि किसानों को खाद या तो हासिल नहीं या ओने पोने दाम पर विक्रय किया जा रहा है। आज कलेक्टर अक्षय की ताबड़तोड़ पारी ने वर्षों पूर्व के प्रशासनिक रसूख की याद दिलाई जब रसद, खाद, रेत, कन्ट्रोल, केरोसिन के माफिया प्रशासन के डंडे से थर थर कांपते थे। 
बिना टेक्स नम्बर 2 की खाद पर करोड़ों की दिवाली
कलेक्टर सर आपको बता दें कि जिले में लुकवासा, कोलारस से लेकर दीगर जगह निजी गोदामों में अगर छापे मारे गए तो बिना टेक्स के ह
खरीद कर भरा गया खाद का जखीरा बरामद किया जा सकता है। 
गोदाम कहीं, दुकान कहीं
जिले में प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए दुकान से कहीं दूर गोदाम बनाये गए हैं। लुकवासा में इसी तरह के गोदाम में लाखों की खाद के भंडारण की पुख्ता जानकारी सामने आई है। 

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