(शिक्षाविद निर्भय गौड़ की रिपोर्ट)
शिवपुरी। Navratri 2021: 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो जाएगी। 9 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में घटस्थापना अथवा कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। ये नवरात्रि का पहला दिन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना की जायगी। नवरात्रि पर कलश स्थापना 7 अक्टूबर, गुरुवार के दिन होगी। कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के त्योहार की विधि-विधान के साथ शुरुआत होगी। इधर नगर में नवरात्र आगमन की तैयारी जोरों पर हैं। कोरोना के दो साल बाद इस बार श्रद्धालुओं के मन में नवरात्र को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
फिजिकल कॉलेज रोड से कोठी नम्बर 8 पर सड़क के किनारे माँ
नगर में फिजिकल कॉलेज रोड से कोठी नम्बर 8 पर सड़क के किनारे बिकने के लिए तैयार प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी दुर्गा मां की मूर्तियां नजर आ रही हैं। इस पर्व को लेकर कारीगरों ने प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाकर उसे लाजवाब रंगों से सजा दिया है। देवी की मूर्तियां बनाने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस, नारियल, जूट का उपयोग किया जाता है। इस कार्य के लिए कच्चे पक्के दो प्रकार के कलर उपयोग किए जाते हैं। कलर सूखने में काफी लगता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाने के कार्य में काफी मेहनत होती है। डाई से मूर्ति बनाने में समय कम लगता है, लेकिन उसके सूखने, कलर भरने में करीब एक सप्ताह तक का समय लगता है एवं कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। हालांकि मौसम की मेहरबानी के चलते मूर्तियां सज धजकर तैयार हो गई हैं।
इस तरह कीजिये कलश स्थापना
तांबे या मिट्टी की कलश स्थापना की जाती है, जिसे लगातार 9 दिनों तक एक ही स्थान पर रखा जाता है। कलश में गंगा जल या स्वच्छ जल भर दें। अब इस जल में सुपारी, इत्र, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का डालें। इसके बाद कलश के किनारों पर 5 अशोक के पत्ते रखें और कलश को ढक्कन से ढक दें। कलश के ऊपर आम के पत्तों के साथ नारियल रखा जाता है। कुछ लोग कलश पर नारियल को लाल कपड़े से लपेट कर रखते हैं। इसके बाद धूप-दीप जलाकर कलश का पूजन किया जाता है।

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