Responsive Ad Slot

Latest

latest

समीक्षा गोष्ठी संपन्न

गुरुवार, 28 अक्टूबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश शासन से संचालित पाठक मंच शिवपुरी की थी गोष्ठी
शिवपुरी। साहित्य अकादमी संस्कृति विभाग भोपाल से संचालित पाठक मंच शिवपुरी की समीक्षा गोष्ठी केंद्र संयोजक आशुतोष शर्मा ओज के निवास पर आयोजित की गई,जिसमे में आर्यपुत्र हु,शरणम व जलता हुआ पुल इन तीन पुस्तको को पढ़ने के पश्चात उसकी समीक्षा शिवपुरी के  साहित्यकारों के द्वारा की गई।
कोरोना काल के कारण लंबे समय से बंद चल रही पुस्तक समीक्षा पाठक मंच की इस बार तीन पुस्तको की समीक्षा के साथ प्रारम्भ हुई,मनोज सिंह द्वारा लिखित कथा में आर्यपुत्र हूँ कि समीक्षा प्रस्तुत करते हुए विजय भार्गव ने कहा कि मनोज सिंह ने बेहद रोचक  तरीके से में आर्यपुत्र हूँ मै उन कुतर्क और भ्रमो को दूर करने का प्रयत्न किया है,जिसमे ये कहा गया कि आर्य बाहर से आये थे,उनको नकारने में जिन तथ्यों और प्रमाणों को आधार बनाया गया है,वे सब वर्तमान काल मे किसी न किसी वैदिक ग्रंथ में उपस्थित है।आर्य कौन थे?कब थे?कहा बसते थे?क्या करते थे?कैसे रहते थे?इन अनगिनत प्रश्नों के उत्तर की प्रामाणिक कथा है मे आर्यपुत्र हूँ।
भारत के श्रेष्ठ साहित्यकार लेखक विद्वान नरेंद्र कोहली द्वारा लिखित पुस्तक शरणम की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए राकेश मिश्रा रंजन ने कहा कि शरणम में मूलतः वैष्णव दर्शन है, गीता की पंक्तियों को पढ़ते हुए कोहली ने उपन्यास के रूप में संकेत ध्वनि को पकड़ा है जो कई प्रसंगों के कथ्य को पूर्ण रूप से स्पष्ट वर्तमान परिवेश में करते है,कोहली तो स्वयम विद्वान है और गीता से जुड़े हुए पहलुओ को बेहतर तरीके से शरणम के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
अग्निशेखर द्वारा लिखित पुस्तक जलता हुआ पुल की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए योगेंद शुक्ल ने कहा कि कश्मीर की परिस्थितियों को कविताओं के माध्यम से अग्निशेखर ने प्रस्तुत किया है,अग्निशेखर ईश्वर से ज्यादा अपने पुराने कवियों और विचारकों को याद करते है,जैसे बता रहे हो कि हर नए कवि का जन्म पुराने कवियों से ही होता है।कश्मीर के खोये हुए बिम्बो के कवि है अग्निशेखर,और इस संग्रह में उन्होंने वर्तमान नही इतिहास के परिपेक्ष्य को कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत किया है,माताएं कर रही इंतजार, सीमा पार गए सिरफिरे बच्चों का जैसी भाव अभिव्यक्ति से वर्तमान स्थिति को जगह जगह  काव्य रूप से प्रस्तुत किया है। इंदौर से आये अजय ढींगरा वरिष्ठ शायर ने सर्वप्रथम गोष्ठी में विचार व्यक्त किये, अंत मे अध्यक्षीय उदबोधन राम पंडित ने दिया,संचालन आशुतोष शर्मा तो आभार शरद गोस्वामी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से सुकून शिवपुरी, सलीम बादल, त्रिलोचन जोशी, विशाल खटीक, आशीष खटीक आदि पूरे समय उपस्थित रहे।

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129