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गजब: अंतरराष्ट्रीय पटल पर शिवपुरी के दो रचनाकार

गुरुवार, 28 अक्टूबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
एक अभिनव और अद्वतीय आयोजन भारत को जाने-पद्मश्री कवि अशोक चक्रधर
तंजानिया के अंतर-राष्ट्रीय काव्य-प्रेमी मंच पटल पर शिवपुरी के दो रचनाकार श्री अरुण अपेक्षित और मुकेश अनुरागी भाग ले रहे हैं। अरुण अपेक्षित उत्तर प्रदेश राज्य को लेकर अपने दोहे व चौपाईयों का पाठ कर चुके हैं तथा मुकेश अनुरागी गोवा राज्य को लेकर अपना सराहनीय काव्यपाठ भाविष्य में करने जा रहे हैं। 
23 अक्टूबर को इस आयोजन का आभासी उद्घाटन करते हुए भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कहा कि अंतरः-राष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच तंजानिया के द्वारा आयोजित ‘‘भारत को जाने‘‘ कार्यक्रम एक अभिनव और अद्वितीय आयोजन है। उन्होंने कहा कि इस मंच की संयोजिका सुश्रीममता सैनी का यह नवीन विश्व कीर्तिमान की ओर यह एक नवीन कदम है। इसके पूर्व वे इसी प्रकार के तीन विश्व कीर्तिमान बना कर विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ चुकी हैं तथा यह सुश्री ममता सैनी के संयोजन में विश्व का सबसे बड़ा वर्चुअल सांस्कृति व साहित्यिक आयोजन है। जिसका प्रसारण फेसबुक, जूम और यू टयूब पर प्रति दिन सांय 7 से रात्रि 10 के मध्य किया जा रहा है। यह आयोजन इसी समय पर दिनांक 23 अक्टूबर से 30 नवम्बर अर्थाथ लगातार 37 दिनों तक चलेगा। प्रति दिन एक नये राज्य को लेकर 07 रचनाकार पहले से निर्धारित अपने सात प्रमुख विषय व विन्दुओं पर अपनी रचनाओं का पाठ कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि ये सभी रचनायें हिन्दी के प्राचीनतम छन्द दोहे व चौपाईयों में लिखी गई हैं। इसके अलावा प्रत्येक प्रदेश का अपना एक अलग गीत भी लिखवाया गया है जिसका गायन भी देश के लब्ध प्रतिष्ठित गायकों के द्वारा किया जा रहा है। देश के व कुछ प्रवासी 259 रचनाकारों ने इन दोहा चौपाईयों को लिखा है। इसके साथ ही इन रचनाओं को संगीतबद्य कराकर 06 गायकों के द्वारा गवाया भी गया है। देश के 19 विद्वानों ने इन 259 रचनाकारों की रचनाओं को व्याकरण व छन्द-विधान की कसोटी पर जांचा-परखा है तथा जहां आवश्यकता लगी है वहां उन्हें संशोधित भी किया है। 
संयोजिका श्रीमती ममता सैनी ने बताया कि निकट भविष्य में इन रचनाओं की संगीतमय सी.डी. भी उपलब्ध रहेगी व इन्हें यू टयूब तथा फेसबुक जैसे विभिन्न आभासी चैनलांे पर भी देखा-सुना जा सकेगा। साथ ही वैश्विक स्तर पर इनका एक बृहद-ग्रंथ के रूप में प्रकाशन भी किया जायेगा। 
23 अक्टूबर 2021 को इस आयोजन का वर्चुअल शुभारम्भ पद्मश्री भजन व गजल सम्राठ अनूप जलोटा ने अपनी 36 साल पूर्व रिकोर्ड कराई गई मॉ वीणापाणी की वंदना- ‘‘हे शारदे मॉ, हे शारदे मॉ, अज्ञानता से हमें तार दे मॉ‘‘ गा कर किया। प्रथम दिवस का आयोजन दिल्ली राज्य को लेकर था। इस का संचालन तंजानियां के सी.ए.अजय गोयल और भारत की सरला शर्मा ने किया। इस आयोजन में प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्य समन्वयक का चयन किया गया है। पहले दिवस के आयाजन व दिल्ली राज्य के समन्वयक के रूप में श्रीमती अरुणा साहू पटल पर उपस्थित रहीं। 
दूसरे दिवस 24 अक्टूबर 2021 का आयोजन उत्तर प्रदेश को लेकर था। इस आयोजन में मुख्यअतिथि के रूप में पद्मश्री अशोक चक्रधर उपस्थित हुए। संचालन का दायित्व तंजानिया के जितेन्द्र भारद्वाज और यूनाइटिड किंगडम लंदन की श्रीमती धरती वसानी ने संभाला। इस राज्य के राज्य समन्वयक थे-दिलीप कुमार पाठक सरस। उत्तर प्रदेश के सात रचनाकारों में शिवपुरी के मूल निवासी और वर्तमान में इंदौर निवासी अरुण अपेक्षित उत्तर प्रदेश के प्राकृतिक सौन्दर्य पर लिखे अपने दोहे व चौपाईयों के साथ उपस्थित हुए। 
दूसरे दिन के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पद्मश्री अशोक चक्रधर ने कहा कि ऑन लाइन वैश्विक मंच बनाना ही एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने आगे कहा  कि - ऐसे दिन आये कि ख्वाबों की जरूरत न रहे, ऐसे कुछ ख्वाब भी पलकों पै सजाये रखिए। इस मंच ने भारत व भारत की विभूतियां को सम्मान देकर एक बहुत बड़ा काम किया है। भारत से दूर रह कर भारत इतना आपके भीतर है इसके लिए मैं आपको साधुवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि 35 साल पहले जबलपुर में एक अखंड कवि सम्मेलन हुआ था जिसमें मैंने भाग लिया था। लगातार 37 दिन तक ‘‘भारत को जाने‘‘ ये आयोजन अद्वितीय है, अकल्पनीय है और सरहानीय है। और सबसे अधिक सरहानीय कार्य हिन्दी के प्राचीनतम छन्द दोहा व चौपाईयों में देश व प्रदेश की महिमा को वर्णित करने का है। 
तीसरे दिवस अर्थात 25 अक्टूबर 2021 को उड़ीसा राज्य को लेकर दोहे-चौपाईयों का पाठ किया गया। इसके मुख्यअतिथि विनय श्रीकांत तंजानीयां में भारत के राजदूत उपस्थित रहे। आपने भारतीय संस्कृति को विश्व व्यापी बनाने के लिए इस पटल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। संचालन केन्या की सारिका फलोर व भारत की एकता भारती ने किया।
चौथे दिवस 26 अक्टूबर 2021 को कर्नटक राज्य को लेकर आयोजन का प्रसारण हुआ। इसके मुख्यअतिथि संतोषजी आर्य थे। संचालन अमेरिका से मंजू श्रीवास्तव मन और कतर से शालिनी गर्ग ने किया।
पांचवें दिन 27 अक्टूबर को गुजरात राज्य को लेकर आयोजन हुआ । इसके मुख्य अतिथि साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल, संचालक राजपाल यादव भारत और रूही सिंह केन्या थी। राज्य समन्वयक छत्तीसगढ़ की आशामेहर किरण और ग्रेटर नोयडा की शोभना श्याम रही।
आज 28 अक्टूबर का यह आयोजन जम्मू काश्मीर राज्य पर आधारित है। इसके मुख्य अतिथि वरिष्ठ रचनाकार सोमठाकुर रहेंगे। संचालन बाहरीन के शाज बान और शैला खान करेंगी। उत्तर प्रदेश के दिलीपकुमार पाठक सरस व गुरुग्राम की नमिता पांडे इस राज्य के समन्वयक हैं।
उल्लेखनीय है अंतर राष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच के ‘‘भारत को जाने‘‘ आयोजन का प्रसारण विश्व के पचास से अधिक देशों में एक साथ किया जा रहा है। प्रतिदिन के आयोजन में दो संचालन का दायित्व भारत के अलावा तंजानिया, दोहा-कतर, कीनिया, बहरीन, आबूधाबी, यू.एस.ए., जर्मनी, साउदी अरब, लंदन, ओमान, कनाडा, दुबई, मस्कट, रसिया, सिंगापुर, नाइजीरिया, इंडोनेशिया आदि में निवास करने वाल भारतीय प्रवासी रचनाकार कर रहे हैं। देश के निवासी और प्रवासी 259 रचनाकारों में शिवपुरी के मूल-निवासी और वर्तमान में इंदोर प्रवासी अरुण अपेक्षित के अलावा शिवपुरी के मुकेश अनुरागी भी रचनाकार के रूप आयोजन में अपनी उपस्थित प्रमुखता से दर्ज करा रहे है। 
इस अंतर राष्ट्रीय आयोजन में सहभागिता करना हम दोनों रचनाकारों के लिए सौभाग्य ही नहीं गौरव की बात भी है। 
अरुण अपेक्षित
इन्दौर म.प्र.
28 अक्टूबर 2021

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