शहडोल। मध्यप्रदेश सरकार के दावों से इतर पतली हालत किसी से छुपी नहीं है। बार बार कर्ज लेकर गरीबों पर खजाना लुटा रही सरकार नई भर्ती कर खाली पद तो भर ही नहीं पा रही बल्कि जो कर्मचारी सरकार की आंख, नाक, कान, हाथ पैर हैं उन तक को वेतन नहीं दे रही है। नतीजे में कर्मचारी परेशान हैं। खासकर ऐसे कर्मचारी जिन्होने बच्चो का एजुकेशन लोन लिया है या फिर मकान का कर्ज या कुछ और उन्हें वेतन न मिलने से किश्त तक नहीं भर पा रहे और अब पद से त्यागपत्र देने जैसे आत्मघाती कदम उठाने लगे हैं। जिस सरकारी पद को पाने के लिये होड़ रहती है उसे तजने पर कर्मचारी आमादा हैं। ठीक इसी तरह का मामला शहडोल में सामने आया है जहां शहडोल जिले के कर्मचारी आरपी दुबे सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी जनपद गोहपारू जिसने अप्रैल माह से वेतन नहीं मिलने से त्यागपत्र दिया है। सीईओ को भेजे हस्ताक्षरित पत्र में उन्होंने लिखा है कि उन्हें व साथी कर्मचारियों को अप्रेल से सितंबर तक वेतन नहीं मिला। इससे परेशान होकर त्यागपत्र दे रहा हूँ। बदले में जीपीएफ आदि की राशि भुगतान करवाने का कष्ट करें जिससे प्रार्थी लोन आदि की किश्त समय पर देकर अधिभार से बच सके। इस पत्र की कॉपी कलेक्टर को भी भेजी गईं है। हड़कम्प मच गया है।

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