प्राइवेट अस्पतालों के शिकंजे में शासकीय अस्पताल:
शिवपुरी। निजी अस्पताल और सरकारी डॉक्टरों का अवैध गठबन्धन किसी से छुपा नहीं है। बात संभाग, प्रदेश और देश की करने से पूर्व शिवपुरी की ही करें तो कल मेडिकल कॉलेज खुलते समय जो डॉक्टर शिवपुरी खाली हाथ आये थे वे निजी अस्पताल में सेवाएं देकर और खुद के क्लिनिक खोलकर करोड़पति बन बैठे हैं। करोड़ों की भूमि नये वायपास पर डॉक्टरों के नाम हो चुकी है। आपको सरकारी अस्पताल में नामी डॉक्टरों के दर्शन सोन चिरैया की तरह होंगे यानी होंगे ही नहीं बल्कि वे निजी अस्पतालों में दम से सेवाएं देकर उपचार ओर ऑपरेशन करते देखे जा सकते हैं। नगर के फिजिकल इलाके में एक आंख के डॉक्टर पर तो आरोप है कि वह सरकारी अस्पताल के फ्री लेंस के घर पर पैसे बटोरते हैं। कुलमिलाकर स्वास्थ्य को ठेके पर उठाए बैठे डॉक्टरों का एक और कारनामा कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी सामने लेकर आये हैं। जिसमे सरकारी अस्पताल भेजे गए मरीज को निजी अस्पताल जाने की सलाह सरकारी डॉक्टर ने ही दी और फिर खुद ने ही निजी अस्पताल में मरीज की हजामत बना दी। विधायक ने डकैतों को याद करते हुए तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
यह बोले विधायक, समझिये पूरा मामला
दोस्तों प्रायबेट हॉस्पिटल केवल कोरोना काल में ही नहीं बल्कि आज भी चंबल के दस्सुओं से भी खतरनाक हो गए है। चंबल के लोग जहां बीहड़ों में सम्मान की रक्षा के लिए अक्सर उतरते थे। लेकिन बिना हथियारों बाले इन डकैतों ने मानवता को रौंद दिया है। कल जब मेरे भाई जैसे पार्टी कार्यकर्ता राजाराम यादव पत्नी सहित मोटरसाइकिल से दुर्घटना में सिर में चोट लगने से जख्मी हुए तो मैनें जयारोग हॉस्पिटल ग्वालियर न्यूरो डिपार्टमेंट में रैफर कराया। जयारोग्य के स्टाफ ने यह बोलकर कि वे यहां ठीक नहीं होंगे और उनको रेफर कर मां शीतला प्राइवेट हॉस्पिटल ग्वालियर का पता देकर डॉक्टर अनिल शर्मा से संपर्क कराया। जो जयारोग्य के डॉक्टर हैं और वह पहले से ही मां शीतला हॉस्पिटल में मौजूद थे उन्होंने वहां एडमिट कर लिया। वह सरकारी डॉक्टर होते हुए रात 1:30 बजे मां शीतला हॉस्पिटल में क्या कर रहे थे। केवल बिल्डिंग प्राइवेट थी दोनों जगह स्टाफ जयारोग्य का ही था। उन्होंने 24 घंटे में डेढ़ लाख का बिल बना दिया। मुझे आज पृथ्वीपुर चुनाव प्रचार से ही ग्वालियर आना पड़ा। मानवता को लज्जित करने वाले डॉक्टर को क्या सजा दी जाए? आज आप तय करें। मैंने स्वास्थ्य मंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी से निष्पक्ष जांच की मांग की और संबंधित डॉक्टर और स्टाफ की सेवा समाप्त करने की मांग की है।

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