शिवपुरी। जुनून ही कहिए कि जन्मदिन आया और ये जनाब जिला अस्पताल निकल पड़ते हैं। हाथों में सुई चुभी और 10 मिनिट मेंरक्तदान कर इनके चेहरे पर ऐसी खुशी तैरती है जैसे कोई लॉटरी लग गई हो। लोग डरते हैं, झूठ बोलते हैं सिर्फ इसलिए कि किसी को खून न देना पड़े यहां तक कि कई रिश्ते भी जरूरत पर खून न देने के चलते कड़वाहट की दहलीज तक पहुंच जाते हैं लेकिन इन सबसे जुदा राजेश सिंघल की कहानी दिल को छू जाती है। वे आज 54 साल के हो गए और आज 54 वी बार रक्तदान किया। जब हमने पूछा कि क्या आप जन्म लेते ही रक्तदान करने लगे तो बोलेनहीं जब से समझदार हुआ तभी से लगातार रक्तदान करता आ रहा हूँ। यानि कि जितनी उम्र उतना ही रक्तदान। आखिर हैं न बिरले इंसान हमारे नगर के सैनेट्री व्यवसाई राजेश सिंघल।
शादी की साल गिरह पर अर्धांगनी के साथ देते हैं रक्त
ऐसा नहीं कि राजेश को घर से छुपकर रक्तदान करना पड़ता है। बल्कि उनके इस साहसिक सफर की साथी उनकी धर्मपत्नी भी हैं जो शादी हुई तभी से उसी दिन हर साल रक्तदान जरूर करती हैं। यहां तक कि इसी परंपरा को उनके सुपुत्र ने भी फॉलो किया है। धमाका टीम की तरफ से उनके इस साहसिक कदम के लिये बधाई।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें