अखिल भारतीय साहित्य परिषद शिवपुरी ने मनाई चंचल की पुण्यतिथि
शिवपुरी। आज सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के साथ ही पितरों का अंतिम तर्पण कर उन्हें विदाई दी गई। जिन्होंने अपने पूर्वजों को याद किया वे तो अनुकरणीय हैं ही लेकिन अपनों की तरह पूर्वजों को भी कुछ जगह याद किया गया। धमाका नतमस्तक है।
इसी क्रम में शिवपुरी को अपनी कर्मभूमि बना देश भर में साहित्य में अपनी पहचान राट्रीय कवि के रूप में बनाकर यही देह त्याग करने वाले लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार स्वर्गीय रामकुमार चतुर्वेदी चंचल को आज याद किया गया, श्रृंगार के साथ अंगार लिखने वाले अद्भुत कवि भारतवर्ष के चंचल जी थे, उक्त उदगार स्वर्गीय चंचल की पुण्यतिथि के अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला शिवपुरी के द्वारा संस्कार विद्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से हिंदी विद्वान पुरुषोत्तम गौतम ने व्यक्त किये।
इस अवसर पर बोलते हुए पुरुषोत्तम गौतम ने कहा कि भारतरत्न अटलबिहारी वाजपेयी के बाल सखा, निराला के शिष्य स्वर्गीय रामकुमार चतुर्वेदी चंचल शिवपुरी का गौरव थे,एक नही कई बार लाल किले से काव्य पाठ कर मध्यप्रदेश का मान चंचल ने बढ़ाया था।चीन के साथ हुए युद्ध के समय अपनी लेखनी से शत्रु को प्रतिउत्तर देकर चंचल सदा के लिए अमर हो गए।चंचल,विरही व राजीव की तिकड़ी से शिवपुरी की विशेष पहचान रही है।
पंडित सुकून शिवपुरी ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को चंचल सहित सभी साहित्यकारों की जानकारी हो इस लिए उक्त आयोजन रखा गया है।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर चंचल सहित सभी दिवंगत साहित्यकारों का पुण्य स्मरण हो उनकी स्मृति में श्रद्धा के पुष्प हम अर्पित कर सके इस निम्मित उक्त आयोजन रखा है, चंचल को युवा पीढ़ी पढ़े समझे और उनसे प्रेरणा लेकर उत्कृष्ट लेखन कर सके यही कार्यक्रम के मूल में है।

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