अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए किशोरी बालिकाओं को जागरूक किया
शिवपुरी। आज के दिन बालिकाओं के अधिकारों व लैंगिक समानता जैसे विषयों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाई जाती है।पिछले कई सालों से यह देखने में आया है कि समाज के हर मुद्दे/कुरीति या बुराई को दूर करने के उद्देश्य से एक विशेष दिवस का सृजन कर उसे उत्साहपूर्वक मनाने की एक आवश्यकता का एहसास हुआ। कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शक्तिशाली महिला संगठन यह रवि गोयल ने बताया कि अंतराराष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष में ग्राम चितौरा में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभिनव पहल की गई एवम् फिल्म दिखाकर जागरूक किया । उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस उसी कड़ी में से एक है वैश्विक स्तर पर गर्ल चाइल्ड डे मनाने की शुरुआत एक गैर-सरकारी संगठन 'प्लान इंटरनेशनल' प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी। इस संगठन ने "क्योंकि मैं एक लड़की हूं" नाम से एक अभियान शुरू किया। जिसके बाद इस अभियान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया गया। कनाडा सरकार ने 55वें आम सभा में इस प्रस्ताव को रखा। संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर, 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया और इस दिन को मनाने के लिए 11 अक्टूबर का दिन चुना। जिसके बाद पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर, 2012 को मनाया गया। तब से हर साल हर दिन मनाया जाने लगा। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने का उद्देश्य बालिकाओं को जागरूक करना है। अपने अधिकारों के लिए, अपनी सुरक्षा और बराबरी के लिए। जिससे वो आने वाली सभी चुनौतियों और परेशानियों का डटकर मुकाबला कर पाएं। साथ ही बचपन से ही सही और गलत का ज्ञान सभी बालक-बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा व शारीरिक शिक्षा का ज्ञान देना अनिवार्य कर देना चाहिए जिससे बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए किसी पर निर्भर न होना पड़े। कार्यक्रम में संजना आदिवासी और सोनम आदिवासी को सही जवाब देने पर उपहार देकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम में चीतौरा गांव की किशोरी बालिका आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका शक्ति शाली महिला संगठन समिति की पूरी टीम उपस्थित थी।

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