शिवपुरी 25 अक्टूबर। प्रख्यात पत्रकार और साहित्यकार प्रमोद भार्गव की रचनाओं पर जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा एक शोधार्थी को पीएचडी की उपाधि हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। 'प्रमोद भार्गव के कथा साहित्य में सामाजिक स्वरूप' शीर्षक पर प्रो बंटी सिंह कुशवाह शोध करेंगे। श्री कुशवाह शासकीय पीजी कॉलेज में हिंदी विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में पदस्थ है।श्री कुशवाह का शोध प्रबंध एमएलबी कॉलेज ग्वालियर की प्राध्यापक डॉ पुष्पलता सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में होगा। श्री भार्गव के कहानी संग्रह पहचाने हुए अजनबी, शपथपत्र, लौटते हुए,मुक्त होती औरत,,उपन्यास-दशावतार, अनग अवतार में चार्वाक,नॉकरी, व्यास भर पानी, शहीद बालक, चर्चित रचनाओं में शामिल है। हाल ही में प्रकाशित दशावतार देश भर के धर्म और विज्ञान अध्येताओं के मध्य लोकप्रिय हुआ है।इस रचना में पौराणिक मिथकों को वैज्ञानिक रूप प्रदान किया गया है।श्री भार्गव की रचनाओं में पत्रकार,इतिहासकार एवं समालोचक की दृष्टि प्रभावी तरीके से परिलक्षित होती है।हांशिये पर बैठे लोगों,शोषितो,मजदूरों,धार्मिक आडंबरों में लिप्त मानव एवं राजनीतिक दावपेंच सभी श्री भार्गव के कथा साहित्य में समस्या के रूप में मिलते है।आपकी रचनाओं में समकालीन समस्याओं का प्रभावी समाधान भी नजर आता है। शिवपुरी के लिए यह गौरव की बात है कि श्री भार्गव के कथा संसार पर जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा शोध को स्वीकृति प्रदान की गई है।

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