वासुदेव नंदनी के श्रीमुख से भागवत कथा ठाकुर बाबा पर शुरू
बारिश के बीच राजेश्वरी मन्दिर से ठाकुर बाबा तक निकली कलश यात्रा
शिवपुरी। 111 विशाल कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ 20 नवंबर से ठाकुर बाबा मंदिर हाथी खाने पर हुआ। जिसकी भव्य कलश यात्रा दर्शन करने योग्य थी। राजेश्वरी माता मंदिर से प्रारंभ हुई 111 कलश के साथ कन्या एवं महिलाएं बड़े धार्मिक उत्साह से नंगे पैर चल रही थी।
इस कथा की मुख्य विशेषता यह है कि यहां मुख्य यजमान मनी महाराज मनी हैं, जो पूर्व में भी दो बार श्रीमद् भागवत कथा करवा चुके हैं और यह कथा मनी की तरफ से तीसरी बार हो रही है। बता दें कि शहर में 12 महीने घूमकर, भजन जागरण नृत्य में जो भी राशि हम और आप से मनी को मिलती है वह सारी राशि मनी महाराज (मनी) प्रति वर्ष श्रीमद् भागवत कथा में खर्च कर देते हैं। साथ ही इनका सहयोग प्रति वर्ष पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जगमोहन सैंगर एवं ठाकुर बाबा मंदिर समिति द्वारा किया जाता है। श्रीमद् भागवत कथा 20 नवंबर से 26 नवंबर तक होगी। कथा व्यास संगीतज्ञ बाल योगी पंडित वासुदेव नंदिनी भार्गव कलश यात्रा में शामिल हुईं। यात्रा के दौरान जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ कलश यात्रा के बाद कथा प्रांगण में आज पहले दिवस की कथा नंदिनी भार्गव द्वारा अपनी मधुर कोकिल वाणी से सुनाई गई। प्रथम दिवस की कथा में उन्होंने श्री भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि भागीरथी गंगा से बढ़कर है भागवती गंगा, कथा अमृत के समान है, श्रवण मात्र से ही सभी मंगलों की प्राप्ति होने लगती है और जो कथा कर रहे हैं वे पृथ्वी पर सबसे बड़े दानी है श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानदीप है जिसकी रोशनी में मानव अपने जीवन का संचालन करता है। श्रीमद् भागवत कथा उच्च कोटि की भक्ति की प्रेरणा देती है, मीरा तुकाराम ध्रुव प्रह्लाद आदि, निष्काम भक्ति से ही इन और अन्य कई संत पुरुषों ने परमात्मा की प्राप्ति की और मीरा तो सदेह कृष्ण में समा गई। कथा महत्म एवं भक्ति की महिमा का वर्णन करते हुए, गोकर्ण धुंधकारी प्रसंग को वडी आध्यामिकता के साथ श्रवण कराया,और भागवत की महिमा को उद्धृत किया, धुंधकारी की मृत्यु उपरांत गया जी मैं कितने ही श्राद्ध किये किंतु मुक्ति नही मिली,वहीं एक वार भागवत सुनने से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिल गई। भागीरथी मैं स्नान करने से पापों से निवृत्ति मिलती है लेकिन भागवती में स्नान करने से पाप करने की वृति ही समाप्त हो जाती है। कथा समय दोपहर 1:00 से 5:00 बजे तक रहेगा समिति ने सभी धर्म प्रेमी बंधुओं से कथा सुनने का आमंत्रण भी दिया है।

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