बिहार। माँ तारा चंडी शक्तिपीठ, सासाराम (बिहार) भारत के 52 पीठों में सबसे पुराना पीठ माना जाता है। हमारे साथी शिक्षाविद निर्भय गौड़ ने जो जानकारी संकलित की उसमें पुराण के अनुसार यहां देवी सती का दाहिना नेत्र गिरा था। यह पीठ कैमूर पहाड़ियों में स्थित है। यह भी कहा जाता है कि जब गौतम बुद्ध ज्ञान प्राप्त करके यहां आए थे, तो मां ताराचंडी ने उन्हें एक बालिका के रूप में दर्शन दिए थे और उन्हें सारनाथ जाने का निर्देश दिया, जहां बुद्ध ने पहली बार उपदेश दिया था।
कैमूर पहाड़ियों में अन्य कई आकर्षण भी हैं। यहाँ गुप्त महादेव मंदिर, पार्वती मंदिर एवं कई गुंफाऐं हैं।मँझार-कुंड और धुआ-कुंड नामक दो शानदार जलप्रपात हैं जिनसे बिजली उत्पादन होता है।
ऐसा कहा जाता है कि जो भक्तगण इस शक्तिपीठ पर पूजा करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की अपार धन वर्षा होती है।
देखिए मातारानी एवं शक्तिपीठ की एक झलक :

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