शिवपुरी। देश में अब कोरोना प्रदूषण के साथ जड़ें जमाने लगा है। आलम यह है कि दिवाली के बाद से देश के हर हिस्से की आबोहवा जहरीली हो गई है। एयर पॉल्यूशन से पर्यावरणविद् टेंशन में हैं। उन्होंने इसे हेल्थ इमर्जेंसी की स्थिति करार दिया है। उनका कहना है कि इसे देखते हुए दिल्ली एनसीआर में तो अगले एक हफ्ते तक लॉकडाउन जैसे कदम उठाने की जरूरत है। इसके तहत स्कूलों को बंद करने के साथ वाहनों के मूवमेंट को भी रोकना होगा। यानी कि साफ है कि यह हालत अकेले दिल्ली की नहीं है बल्कि हर छोटे बड़े नगर में प्रदूषण सर चढ़कर बोल रहा है। क्या हम फिर से लोकडाउन, बाजार बंद, स्कूल बंद चाहते हो ? नहीं तो वेक्सीन के दोनों डोज जरूर लगवाइए। इधर शिवपुरी में जमकर दिवाली मनी। ये तो अच्छी बात है लेकिन नगर और जिले में धूल के गुबार नए नहीं हैं। सुबह कार धोकर रखें तो शाम को धूल से सनी नजर आती है। डॉक्टरों का कहना है कि यूरोप में चौथी लहर का खतरा है जबकि भारत मे तीसरी लहर केरल, महाराष्ट्र में बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए प्रदेश में कल 10 नवम्बर से वेक्सीनेशन का अगला अभियान शुरू किया जा रहा है। आप भी दोनो वेक्सीन जरूर लगवाये जिससे खतरा टाला जा सके। वेक्सीन ही कोरोना के खतरे को टालने में सक्षम है।
प्रदूषण के कण से चिपक जाता है वायरस, कोरोना फैलने का बढ़ा खतरा
अभी देश को कोविड से राहत मिली ही थी कि प्रदूषण एक नई मुसीबत बन कर आ गया है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण की वजह से न केवल कोविड संक्रमण को बढ़ने में मदद मिलेगी, बल्कि बीमारी भी ज्यादा होगी और सीवयरिटी भी ज्यादा होगी और वेंटिलेटर सपोर्ट में ज्यादा मरीज जा सकते हैं।
इस मामले को लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी अपने बयान में चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जब प्रदूषण होता है, तो कोरोना ज्यादा समय तक हवा में रह सकता है। जहां पर प्रदूषण ज्यादा होगा, वहां पर कोरोना का खतरा ज्यादा है। बीएलके सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के रेसपिरेट्री विभाग के डॉक्टर संदीप नय्यर ने कहा कि अमेरिका में इस पर स्टडी हुई है। कोरोना वायरस प्रदूषण के कण से चिपक जाता है और इस वजह से वह हवा में ज्यादा देर तक रह सकता है। कोरोना और प्रदूषण एक साथ होने पर बीमारी का डबल अटैक का खतरा है।
प्रदूषण से हवा में ज्यादा देर तक ठहरेगा वायरस
इस बारे में डॉक्टर अंशुमान कुमार ने कहा कि जब प्रदूषण बढ़ेगा, तो कोरोना हवा में ज्यादा देर तक रहेगा। इस पर स्टडी हुई है। यह ज्यादा समय तक एयरबॉर्न रह जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण बढ़ेगा तो कोरोना के बढ़ने के चांस ज्यादा हैं। दूसरी बड़ी बात यह है कि आमतौर पर यह संक्रमण माइल्ड या मॉडरेट होता है, लेकिन अभी यह ज्यादा सीवियर हो सकता है। क्योंकि, जो लोग पहले से लंग्स के मरीज हैं, उनके लंग्स कम काम कर रहे हैं, उन्हें इस समय कोरोना हो गया, तो उनकी सीवियरिटी बढ़ जाएगी। लंग्स ज्यादा डैमेज होंगे। ज्यादा लोगों को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत हो सकती है। लंबे समय तक उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ सकता है। इसलिए, अभी प्रदूषण बढ़ना, ज्यादा चिंता की बात है।
कोरोना में 70 से 80 पर्सेंट लोगों में लक्षण नहीं आता
इस बारे में एम्स के डॉक्टर नीरज निश्चल ने कहा कि आमतौर पर कोरोना में 70 से 80 पर्सेंट लोगों में लक्षण नहीं आता है। लेकिन, इस समय कुछ लोगों को प्रदूषण की वजह से कफ, सर्दी, जुकाम हो जाता है। ऐसे लोग बार बार अपनी नाक और मुंह को छूते रहते हैं। अगर ये लोग बाहर जाएंगे, तो कुछ छूने पर उन्हें खतरा ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इस समय लोगों को बचाव पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना चाहिए। कोविड बिहेवियर का पालन सख्ती से करना चाहिए। भीड़ में जाने से बचना चाहिए।

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